अपूर्व भारद्वाज-
सब जीतेंगे केवल योगी हारेंगे… यूपी में मोदी जीत रहे हैं… अखिलेश जीत रहे हैं..प्रियंका जीत रही हैं…जयंत जीत रहे हैं..मायावती भी जीत रही हैं लेकिन हार योगी रहे हैं। आप सोच रहे होंगे मैं सुबह सुबह यह क्या बकवास कर रहा हूँ पर पूरी पोस्ट पढेंगे तो समझ जायंगे कि आज याने 9 जनवरी को पूरे यूपी में एक साथ चुनाव हो जाए तो रिजल्ट क्या होने जा रहा है।
राजनीति में अक्सर यह देखा जाता है कि जीत कौन रहा है मतलब मतदाता किसको वोट देना चाह रहा है लेकिन रिवर्स डाटा विश्लेषण में यह देखा जाता है कि मतदाता किसको हराना चाहता है तो एक बात तय मानिये की वो योगी को हराना चाहता है। भले ही चाहे कोई भी जीत जाए, यूपी में योगी के खिलाफ एक अजीब सा गुस्सा और निराशा है जो बहुत कम लोगों को दिख रहा है।
आज यूपी में मोदी इसलिए जीत रहे क्योकि योगी 180 पार नहीं कर पा रहे हैं। अखिलेश इसलिए जीत रहे हैं क्योंकि समाजवादी पार्टी लगातार 3 चुनाव हार के बाद सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। प्रियंका इसलिए जीत रही हैं कि एक दशक में पहली बार कांग्रेस वोट शेयर दो अंक में आ सकता है। भले ही सीट उसकी कम आए।
मायावती इसलिए जीत रही हैं कि सीटें कम हो रही है पर उनकी वोट और अस्तित्व तीसरे नंबर पर बना रह सकता है और चुनाव के बाद सरकार बनाने में वो महत्वपूर्ण रोल निभा सकती हैं। जयंत जीत रहे हैं क्योंकि पश्चिम यूपी में जाट और किसान राजनीति का फिर से उदय हो रहा है।
अगर कुछ खास नहीं बदला तो आज से ठीक 2 महीने बाद 10 मार्च को भी यही परिणाम आ सकता है पर पंजाब की एक घटना ने जैसे वहाँ पूरे समीकरण बदल दिए हैं, हो सकता है कोई घटना यूपी में हो जाए तो पूरा चुनाव ही बदल जाए क्योंकि राजनीति और चुनाव में एक दिन भी बहुत होता है और अभी तो एक महीने से ज़्यादा का समय है। तो दोस्तो! अभी असली राजनीति आपने कहाँ आंकी है। अभी तो पिक्चर बाकी है।
लेखक अपूर्व भारद्वाज इंदौर के डाटा ऐनालिस्ट हैं।
अच्युतानन्द धर
January 12, 2022 at 10:19 am
चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सीटों की संख्या कम होनी ही है। यह ठीकरा किसी के सिर पर फोड़ा जाएगा, किसी को बलि का बकरा बनाया जाएगा। वह कौन होगा – गोरक्षनाथ पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य या कि दिनेश शर्मा या कि कोई और कार्यकर्ता/ प्रवक्ता ???