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उत्तर प्रदेश

लखनऊ में विकास कार्य अखिलेश-माया सरकारों की तुलना में लगभग शून्य!

Ashwini Kumar Srivastava : केंद्र में मोदी तो यूपी में योगी सरकार, दोनों ही प्रचंड बहुमत में हैं, फिर भी राजधानी लखनऊ में होने वाले विकास कार्यों की रफ्तार उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती अखिलेश या मायावती सरकार की तुलना में लगभग शून्य ही है।

मोदी और योगी राज में विकास का कोई नया प्रोजेक्ट पूरा होकर लखनऊ की जनता को मिल गया हो, यह उम्मीद तो छोड़ ही दीजिये, हालत यह है कि अखिलेश राज में शुरू हुए प्रोजेक्ट तक मोदी-योगी राज में धन के अभाव में अटके पड़े हैं।

मसलन, लखनऊ मेट्रो जितनी अखिलेश राज में बन गई, उसके बाद होने वाला उसका विस्तार अभी तक केवल कागजों पर ही हो पाया है। इसी तरह, आउटर रिंग रोड बन तो रही है मगर कच्छप गति से… और लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस वे भी अभी कागजों से बाहर नहीं निकल पाया है।

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वैसे भी, लखनऊ में जिस तरह एक के बाद एक विकास के प्रोजेक्ट ताबड़तोड़ तरीके से अखिलेश या मायावती राज में ऐलान करके पूरे किए गए, वैसा तो कुछ भी इस सरकार में देखने को नहीं मिला। लखनऊ जिस दशा-दिशा में 2017 में योगी जी को मिला था, आज उनकी सरकार का आधा कार्यकाल खत्म होने पर भी हूबहू वैसा ही है।

अब महज साल-डेढ़ साल बाद ही यहां चुनावी माहौल भी बनने लगेगा, जिसके चलते अब यह उम्मीद भी बाकी नहीं रह गई है कि लखनऊ के लिए यह सरकार तब तक कुछ बड़ा काम कर पायेगी।

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कल लखनऊ के एक बेहद नामी-गिरामी आर्किटेक्ट से बातचीत हो रही थी, जो लंबे समय से बड़े-बड़े सरकारी प्रोजेक्ट्स से जुड़े रहे हैं। उनका साफ तौर पर यह कहना था कि इस सरकार के पास फंड ही नहीं है इसलिए ज्यादातर बड़े सरकारी प्रोजेक्ट्स या तो अटके पड़े हैं या शुरू ही नहीं हो पाए हैं। कागजों पर विकास के बड़े-बड़े प्लान लखनऊ के लिए इनकी सरकार के आने से पहले से ही तैयार पड़े हैं मगर उनको भी हकीकत में उतार पाने का माद्दा वर्तमान योगी सरकार में धनाभाव के चलते नहीं हो पाया है।

बहरहाल, 2022 में यूपी में जब चुनाव होंगे तो इस सरकार के पास राज्य के विकास की उपलब्धियों के नाम पर जो भी लिस्ट होगी, उसमें से लखनऊ के नाम क्या उपलब्धियां यह दिखाने वाले हैं, यह जानने की मुझे बड़ी उत्सुकता है… देखूँ तो सही कि विकास के नाम पर लखनऊ को झुनझुना थमाने वाली यह सरकार किस हद तक झूठ बोलकर जनता से एक बार फिर विकास के नाम पर वोट मांगेंगी…

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दिल्ली में पत्रकार रहे और अब लखनऊ में रीयल इस्टेट सेक्टर में सक्रिय उद्यमी अश्विनी कुमार श्रीवास्तव की एफबी वॉल से.

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