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ZEE hindustan को आजतक से ‘कॉपी पेस्ट’ वाला प्यार है!

प्रशांत सिंह

PraShant SiNgh : ZEE hindustan को आजतक से ‘कॉपी पेस्ट’ वाला प्यार है! नकल के लिए भी अक्ल की जरूरत होती है लेकिन जब आपकी अक्ल में ही भूसा भरा हो तब क्या कीजिएगा?

कुछ ऐसा ही भूसा सीनियर प्रोड्यूसर साहब के दिमाग में भरा हुआ है, साहब ने एक नहीं, दो नहीं, कई कहानियां इस तरह चुराई है कि परीक्षा में गाइड से उत्तर लिखने वाला नकलची भी शरमा जाए.

दरअसल आजतक की पॉडकास्ट टीम (कुलदीप मिश्रा) ने देश के मौजूदा हालात पर एक कविता लिखी. कविता इतनी मार्मिक थी कि एक कथक कलाकार ने कविता पर ताल से ताल मिलाते हुए जीवंत रूप दे दिया. लोगों ने कविता को इस कदर सराहा कि पूरे सोशल मीडिया पर अब तक करीब 1 मिलियन व्यूज़ आ चुके हैं.

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लेकिन ZEE hindustan के सीनियर प्रोड्यूसर/एंकर को ये कविता Kuldeep Mishra की आवाज़ में रास नहीं आई और वो कविता चुराकर पैकेज बनवाते हैं फिर ‘ZEE हिंदुस्तान’ से ऑनएयर (टेलिकास्ट) भी करवा देते हैं. इस बीच पैकेज को एडिट करने वाले एडिटर को गोल्डन कार्ड का तमगा दे देते हैं, लेकिन एडिटर तो इस करतूत से अंजान है.

अभी नकलची प्रोड्यूसर साहब यहीं नहीं रुकते, अपने फेसबुक प्रोफाइल पर चोरी का पैकेज (कविता) शेयर करते हुए लिखते हैं “मैं आपका सिर्फ 6 मिनट चाहता हूँ, पैकेज देखें. इसमें मुसीबत के उस पार उम्मीद की किरण है, अच्छा लगे तो दो शब्द जरूर लिखें” फिर क्या चोरी की कविता इतनी बेहतरीन थी कि पलक झपकते ही 79 कमेंट और 28 शेयर मिल गए.

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शर्म की इंतेहा तब खत्म हो जाती है जब इसी पर एक कमेंट आता है “क्या जबरदस्त वॉइसओवर है” तो नकलची प्रोड्यूसर साहब लिखते हैं “स्क्रिप्ट कैसी है” तो जवाब मिलता है “आपकी स्क्रिप्ट कभी हल्की हुई है क्या? वो तो हमेशा की तरह सुपर है”

अब इस नकलची प्रोड्यूसर को ‘सुपर’ का तमगा इस कदर पसंद आया है कि इससे पहले भी आजतक के पैकेज को अपने नाम से ZEE हिंदुस्तान चैनल पर चलवा चुके हैं.

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दरअसल आजतक ने (अंजना ओम कश्यप की आवाज में) 2013 में लालू प्रसाद यादव पर एक बेहतरीन पैकेज बनाया था लेकिन ये नकलची प्रोड्यूसर साहब ने 2020 में उस पैकेज को हुबहू छाप दिया है और अपने फेसबुक पेज पर शेयर करते हुए लिखा है “कैसे हुआ लालू यादव के करिश्मे का कत्ल, देखिये और जवाब दीजिये की कैसा लगा” यहां भी तारीफों के कसीदे पढ़े गए लेकिन प्रोड्यूसर साहब ने क्रेडिट देना मुनासिब नहीं समझा.

ऐसे न जाने कितने पैकेजों को चुराते हुए न्यूज रूम में रौब दिखाते हैं जब कोई जूनियर या सहकर्मी पूछता है “सर आप इतनी जल्दी स्क्रिप्ट कैसे लिख लेते हैं” तो मुंह को 90 डिग्री घुमाते हुए जवाब देते हैं “यही तो मेरा हुनर है”.

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बहरहाल ऐसे हुनर को देखकर हुनर भी कहीं अंडरग्राउंड हो गया होगा. आनद लीजिए यहां किसी (खासकर इंटर्न, जूनियर और ट्रेनी) के हक मारने का पुराना इतिहास रहा है परतें खुलेंगी तो कई सवाल खड़े होंगे.

युवा टीवी पत्रकार प्रशांत सिंह की एफबी वॉल से.

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