नोएडा जैसे जिले में ‘जी न्यूज’ के एक मीडियाकर्मी के साथ जो सुलूक हुआ, उसे सुन पढ़ कर आप सोच सकते हैं कि बाकी जगहों और बाकी आम लोगों के साथ क्या होता होगा. जी न्यूज के मीडियाकर्मी को कोरोना होने के शक में क्वारंटाइन सेंटर में डाल दिया और सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया. सात दिन तक रिपोर्ट ही नहीं आई.
जी न्यूज के मीडिया कर्मी के लिए क्वारंटाइन सेंटर में एक एक पल काटना मुश्किल हो रहा था. आखिरकार जी न्यूज कर्मी योगेंद्र को ट्विटर पर आना पड़ा. यूपी के सीएम, नोएडा के डीएम, जी न्यूज और यूपी पुलिस को टैग कर उसे अपनी बात कहनी पड़ी.
इस मीडियाकर्मी ने काफी कुछ ट्विटर पर लिखा है. देखें कुछ उसके ट्वीट्स-
मैं योगेंद्र, जी न्यूज में कार्यरत हूं. सात दिनों से मेरी टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आई है. गलगोटिया कालेज ग्रेटर नोएडा, जीबी नगर के क्वारंटाइन सेंटर में पिछले छह दिनों से क्वारंटाइन हूं. फिलहाल मुझे कोई लक्षण नहीं है.
योगेंद्र का एक अन्य ट्वीट देखें-
मैं योगेंद्र एक मीडियाकर्मी हूं. पिछले सात दिनों से मेरी कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आई है. इसकी वजह से मैं क्वारंटाइन सेंटर में फंसा हुआ हूं. पूछने पर ये कहते हैं कि हमें मालूम नहीं. मैं यहां पागल हो रहा हूं और अब अगर मुझे कुछ भी होता है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा? आप तय कीजिए.
एक अन्य ट्वीट में योगेंद्र लिखते हैं-
क्वारंटाइन सेंटर में पीने का पानी नहीं मिलता. सैनिटाइजर की कोई सुविधा नहीं है. रिपोर्ट की जानकारी मांगने पर कुछ बताया नहीं जा रहा. मेरी मदद करो. मुझे बाहर निकालें.
इन ट्वीट्स का असर हुआ. योगेंद्र की रिपोर्ट आ गई. रिजल्ट निगेटिव था. इसके बाद इन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया.
सोचिए, एक शख्स को सिर्फ शक के आधार पर सात दिन तक एक बेहद घटिया जगह में अकेले रहने को मजबूर किया गया.
क्या टेस्ट रिजल्ट सेम डे नहीं आ सकता?
नोएडा में डीएम भी नए हैं. आखिर स्वास्थ्य महकमा कर क्या रहा है? क्या नोएडा के स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर हंटर नहीं चलना चाहिए?
देखें योगेंद्र के सभी ट्वीट्स-
और ये आखिरी दो ट्वीट रिपोर्ट आने के बाद की हैं…
lav kumar singh
June 7, 2020 at 5:49 pm
सरकारी क्वारंटीन खत्म करो… दवा बताओ, टिप्स दो और घर भेजो