16 जनवरी 2014 को बड़े तामझाम से बिहार के पटना में जी समूह का नया खबरिया चैनल जी पुरवईया लॉन्च किया गया। मुकेश कुमार सिंह बतौर ब्यूरो चीफ की ज्वाइनिंग कोलकाता में हुयी। एचआर सुमेला दत्ता ने कई कोरम को पूरा करते हुए मुकेश कुमार सिंह की ज्वाइनिंग ली थी।मुकेश कुमार सिंह को कोसी इलाके के सहरसा में बिठाया गया।चैनल की सोच थी की ख़बरों के पारखी मुकेश कुमार सिंह कोसी, सीमांचल, मिथिलांचल सहित पूरे बिहार से ख़बरों को छानकर लाएंगे।
शुरुआती समय से ही मुकेश कुमार सिंह की बदौलत चैनल में विभिन्य जिलों से ख़बरों का तेज प्रवाह रहा।धीरे–धीरे चैनल लोगों के विश्वास पर खड़ा उतरता गया और लोगों के दिल में चैनल की एक मजबूत जगह बनती चली गयी। लेकिन रेवेन्यू जेनरेट करने में चैनल के ओहदेदारों की रणनीति सटीक नहीं थी। रेवेन्यू जेनरेट जरूर किये जा रहे थे लेकिन जी समूह की जगह जेनरेट रेवेन्यू ओहदेदारों के खाते में जा रहे थे। चैनल को लगातार नुकसान हो रहा था। चैनल के पहले रेजिडेंट एडीटर शिवपूजन झा के समय घोर जातिवादी परम्परा की शुरुआत हुयी। रेवेन्यू जेनरेट होते गए लेकिन जी समूह के हिस्से मोटी रकम की जगह ओस की कुछ बूंदें आईं। नतीजतन शिवपूजन झा पर जी समूह की गाज गिरी और वे नप गए।
शिवपूजन झा पर कई तरह के आरोप लगे। शिवपूजन झा की जगह दिसंबर 2015 में उत्तराखंड के रहने वाले और जी बिजनेस में कार्यरत अनुभव खंडूरी को डिप्टी रेजिडेंट एडीटर बनाकर पटना भेजा गया। लेकिन बेचारे खंडूरी भी बिहार के माहौल में खुद को साबित नहीं कर पाये। चैनल लगातार घाटे में रहा। जी राजस्थान के एडीटर पुरुषोत्तम वैष्णव को इस मई माह में ही जी पुरवईया के एडीटर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। जी पुरवईया के बुरे दिन लगातार कायम थे। इस दौरान ऊपर के मेनजमेंट ने फैसला लिया की बिहार-झारखंड के इस चैनल का प्रसारण अब नोएडा से हो। चैनल आगामी सात जून को नोएडा शिफ्ट हो रहा है। पटना में ज्यादातार स्टाफ की छंटनी हो चुकी है और जबरन उनसे इस्तीफे लिए जा रहे हैं। पुरुषोत्तम वैष्णव पर रेवेन्यू जेनरेट करने की सब से बड़ी जिम्मेवारी डाली गयी है। ऐसे में बड़ा सवाल यह था की अब क्या किया जाए? जब समाचार का प्रसारण नोएडा से होगा तो फिर पटना ऑफिस ब्यूरो ऑफिस में तब्दील होगा। एक ब्यूरो ऑफिस झारखंड के रांची में रहेगा। अब सहरसा ब्यूरो ऑफिस का क्या किया जाए? यह सबसे अहम सवाल मैनेजमेंट के सामने था।
इसके अलावे पुरुषोत्तम वैष्णव ने 19-20 मई को बिहार और झारखंड के रिपोर्टर्स और स्ट्रिंगर्स के साथ मीटिंग की जिसमें हर जिले में एक विज्ञापन प्रतिनिधि रखने की बात की गयी। स्ट्रिंगर से कहा गया कि आप लोग खुद अपने किसी रिश्तेदार के नाम पर पर विज्ञापन प्रतिनिधि बन जाएँ। विज्ञापन प्रतिनिधि को पचास हजार रूपये कम्पनी को सिक्युरिटी मनी के तौर पर जमा करना होगा। विज्ञापन प्रतिनिधि को विज्ञापन के बदले कमीशन दिए जाएंगे। इसी कड़ी में मुकेश कुमार सिंह को पहले मैनेजमेंट ने पटना, फिर रांची, फिर अन्य जगह ब्यूरो बनाने की बात करी। सहरसा ब्यूरो बने रहने के लिए भारी-भरकम रेवेन्यू जेनरेट करने की जिम्मेवारी मुकेश कुमार सिंह को सौंपी जाने लगी।
मुकेश कुमार सिंह ने ईमानदारी से ख़बरों के साथ-साथ विभिन्न इलाकों से रेवेन्यू जेनरेट करने में अपनी अहम भूमिका अदा की थी। लेकिन कम्पनी अब मुकेश कुमार सिंह को रेवेन्यू जेनरेट करने वाली मशीन के रूप में देखना चाहती थी। अपनी बुलंद आवाज और खड़ी हिंदी के साथ नायब तरीके से ख़बरों को लेकर आने वाले मुकेश कुमार सिंह जी समूह के एक बेहतरीन रिपोर्टर माने जाते थे। पिछले साल नेपाल में आये भूकम्प के दौरान मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्टिंग की काफी तारीफ़ हुयी थी। मैनेजमेंट के कई बड़े ओहदेदार मुकेश कुमार सिंह को मनाने में जुटे थे। बीच का कोई रास्ता निकले, इसकी पुरजोर कवायद हो रही थी कि अचानक इसी बीच मुकेश कुमार सिंह ने जी मीडिया समूह से इस्तीफा दे दिया।
जी प्रबंधन के लिए मुकेश कुमार सिंह का यूँ नाता तोड़ना एक बड़ा झटका है। सूत्रों की मानें तो जी समूह का एक खेमा मुकेश कुमार सिंह को अभी भी मनाने में जुटा हुआ है। वैसे आने वाले दिनों में अगर जी पुरवईया के जिम्मेवार ओहदेदार रेवेन्यू जेनरेट करने के साथ-साथ ख़बरों में अव्वल नहीं रहे, तो मुकेश कुमार सिंह की एक बार फिर से जी समूह में वापसी हो सकती है। मुकेश कुमार सिंह को कई चैनलों से काम के प्रस्ताव मिल चुके हैं। कयास का बाजार गर्म है कि मुकेश कुमार सिंह ने जी समूह से इस्तीफा देकर ना केवल एक नजीर पेश की है बल्कि मैनेजमेंट को आईना भी दिखाया है।
एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
CHANDAN
June 3, 2016 at 11:01 am
बेबाक पत्रकारिता का नाम मुकेश सिंह ………….
बेबाक पत्रकारिता के लिए और मजलूमों की हक़ में बोलने का काम आदरनीय मुकेश भाई करते है…
यदि जी मीडिया चाहे तो कोशी के क्षेत्र में एक सर्वे करा ले तब उन्हें समझ में आएगा की इस क्षेत्र में चैनल की trp ………………..
जी मीडिया के प्रबंधन से निवेदन जरुर करना चाहूँगा की इस तरह के इमानदार और चैनल के प्रति समप्रित ब्यरो चीफ़ के साथ एक बीच का रास्ता निकला जाय अन्यथा मीडिया से व्यक्तियों का पलायन जारी रहेगा ……..
chandan singh
June 7, 2016 at 4:36 am
kuchh comment naam badal kr diya ja raha
चन्दन कुमार
June 5, 2016 at 6:20 am
सुनकर बहुत अफ़सोस भी हुआ और ख़ुशी भी . मुकेश सिंह को जब कोशी का प्रभार मिला ,तब से मुकेश सिंह जी की पाँव जमीन पर नहीं थे . गौरतलब है की मुकेश सिंह के कारण कई स्ट्रिंगरो पर जी मीडिया का गाज गिरा .हालंकि सभी लोगो ने मुकेश सिंह जी से अपनी बाते को जी मीडिया के समक्ष रखने को कहा ,लेकिन मुकेश सिंह से यह नहीं हो सका ,लेकिन हाँ उस क्षेत्र में उसके विरोधी को जरुर रखवाया .यदी आज मुकेश सिंह उनकी बात जी मीडिया के समक्ष रखते तो शायद पूरे बिहार में जी मीडिया का पुरजोर विरोध होता .लेकिन अफ़सोस आपने अपनों को नज़रअंदाज रखा .फिलहाल मै तो मीडिया लगभग छोड़ने की दिशा में हूँ .लेकिन मुकेश सिंह से गुजारिश है की असमान पर पहुँचने के बाद अक्सर लोग नीचे ही गिरते है . मुझे हमेशा मलाल रहेगा की अपनों से जुदा होने का .
jha manoj kr
June 6, 2016 at 4:05 pm
ऐसे लोगों को तो नौकरी से निकाल देना चाहिये……मुकेश सिंह के किस्से सहरसा में मशहूर है।अच्छा हुआ जो जी को इससे मुक्ति मिला।