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जी न्यूज से निकाले गए 26 स्ट्रिंगर और रिपोर्टर जाएंगे कोर्ट

जी न्यूज के 26 स्ट्रिंगरों को पूर्व सूचना और उनके बकाया देय के भुगतान के बिना हटा दिया जाना चैनल प्रबंधन को भारी पड़ सकता है। बताया गया है कि चैनल हेड दिलीप तिवारी, इनपुट हेड विकास कौशिक और भोपाल ब्यूरो प्रमुख आशुतोष गुप्ता ने षड्यंत्र पूर्वक हटा दिया। स्ट्रिंगरों ने 31 जुलाई तक खबरें भेजी थीं, लेकिन यह कहकर होल्ड रखा गया कि खबरें नहीं चलाई गईं। वहीं खबरें अन्य एजेंसी से लेकर प्रसारित की जाती रहीं। 

<p>जी न्यूज के 26 स्ट्रिंगरों को पूर्व सूचना और उनके बकाया देय के भुगतान के बिना हटा दिया जाना चैनल प्रबंधन को भारी पड़ सकता है। बताया गया है कि चैनल हेड दिलीप तिवारी, इनपुट हेड विकास कौशिक और भोपाल ब्यूरो प्रमुख आशुतोष गुप्ता ने षड्यंत्र पूर्वक हटा दिया। स्ट्रिंगरों ने 31 जुलाई तक खबरें भेजी थीं, लेकिन यह कहकर होल्ड रखा गया कि खबरें नहीं चलाई गईं। वहीं खबरें अन्य एजेंसी से लेकर प्रसारित की जाती रहीं। </p>

जी न्यूज के 26 स्ट्रिंगरों को पूर्व सूचना और उनके बकाया देय के भुगतान के बिना हटा दिया जाना चैनल प्रबंधन को भारी पड़ सकता है। बताया गया है कि चैनल हेड दिलीप तिवारी, इनपुट हेड विकास कौशिक और भोपाल ब्यूरो प्रमुख आशुतोष गुप्ता ने षड्यंत्र पूर्वक हटा दिया। स्ट्रिंगरों ने 31 जुलाई तक खबरें भेजी थीं, लेकिन यह कहकर होल्ड रखा गया कि खबरें नहीं चलाई गईं। वहीं खबरें अन्य एजेंसी से लेकर प्रसारित की जाती रहीं। 

मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के  रीजनल न्यूज चैनल जीएमपी सीजी में उठापठक का दौर जारी है , चैनल हैड राजेन्द्र शर्मा के इस्तीफे के बाद से ही चैनल में तानाशाही का दौर प्रारम्भ हो गया था। सबसे पहले नोएडा डेस्क पर कार्य करने वालो की रवानगी हुई, उसके बाद भोपाल और इंदौर के रिपोर्टरों को निशाना बनाया गया। अब  26 स्ट्रिंगरों पर गाज गिरी है, जिन्हें चैनल ने बिना कारण बताये एकाएक हटा दिया और उन्हें नोएडा आफिस में चैनल आईडी जमा करने का फरमान एचआर द्वारा मेल से भेजा गया। 

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चैनल में किये जा रहे बदलाव का खामियाजा ईमानदार और कर्मठ लोगो को उठाना पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार हटाये गए लोगों के स्थान पर अपने मोहरे बैठाने की तैयारी की जा रही है।  जीएमपी सीजी में किये जा रहे फेर-बदल और चैनल में चल रही आंतरिक कलह की तमाम जानकारी चैयरमेन सहित एक्सेल ग्रुप से जुड़े सभी पदाधिकारियों को भेजी जा चुकी है, जिसकी जाँच करने एचआर टीम भोपाल भी पहुंची थी, लेकिन रिजल्ट उन्ही के पक्ष में गया जो तानाशाही पर आमादा हैं।

मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ से भी स्टिंगर हटाये दिए गए है। प्रताड़ित रिपोर्टरों को गत चार अगस्त को मेल से सूचित किया गया कि उनको एक जून 2015 से हटाया गया है। सभी स्ट्रिंगर प्रबंधन के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर चुके हैं। उनका आरोप है कि बिना पूर्व सूचना और पेमेंट के उन्हें अकारण कैसे हटा दिया गया। 

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0 Comments

  1. chandu

    August 9, 2015 at 10:08 am

    kisi me dam nahi hai ki media ki kisi company ke khilaf court me chale jao. subhash chandra media mugal hai aur uske log kuch bhi kar sakte hain. bhale hi wo duniya ko gyan baat raha ho par uski khud ki media compani me chor brahmanwadi log bhare hain jo yuva patrakaro ki jindagi kharab kar rahe hain. dilip tiwari to uska mohra bhar hain saara khel paise ka hai.

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