सुजीत सिंह प्रिंस-
लूडो खेल कर पैसा बनाने के नाम पर बच्चों को बनाया जा रहा जुआड़ी… आपने वो विज्ञापन देखा होगा, लूडो खेलो और पैसा जीतो… इस विज्ञापन में बताया जाता है कि मैंने लूडो खेल के ख़रीद ली कार… अभिनेता पंकज त्रिपाठी इस विज्ञापन को करने के लिए जिस Zupee नामक कम्पनी से करोड़ों रुपए लेते हैं, वो कम्पनी खुलेआम ऑनलाइन जुआ लूडो के नाम पर खिलवा कर रोज़ाना करोड़ों रुपए बना रही है।
इस एप के कुछ स्क्रीनशॉट यूँ हैं-
इस एप के ज़रिए जुआ खेलने की कई कम्प्लेन मिलने पर भड़ास एडिटर यशवंत ने इस एप को अपने आईफोन पर डाउनलोड किया और अपना अकाउंट बनाया। दस हज़ार रुपए डालकर सौ रुपए एंट्री फ़ी से लेकर पाँच हजार रुपए एंट्री फ़ी वाला लूडो गेम खेला। पाँच हज़ार फ़ी देकर लूडो खेलने पर साढ़े नौ हज़ार रूपये जीतने वालों को मिलते हैं।
ऐसे ही ग्यारह हज़ार रुपए एंट्री फ़ी वाला गेम है। भड़ास एडिटर यशवंत बताते हैं- ‘इस गेम की सबसे संदिग्ध बात है उस पासे की कोडिंग जिस पर कितने स्टेप्स गोटी को चलने हैं, उतने डॉट्स बने आते हैं। इसकी कोडिंग इस हिसाब से की गई है कि सौ में से अस्सी लोग हारेंगे, बीस लोग जीतेंगे और वो अपनी जीत की कहानियाँ सुनाएँगे ताकि अन्य लोग भी लालच में ये जुआ खेलने को प्रेरित हों। मैंने पूरी बुद्धि लगाते हुए एक दिन में दसियों बार ऑनलाइन लूडो जुआ इस जुपी एप पर खेला पर खेला पर कई बार हारने और कुछ बार जीतने का रिज़ल्ट ये रहा कि आठ से नौ हज़ार रुपए हारा। इस एप को लेकर आ रहीं शिकायतें बिल्कुल सही हैं। इन अपराधियों ने पैसे के ताक़त के बल पर सबको चुप कर रखा है और पूरे देश को जुआखाना बनाते जा रहे हैं। देश का ऐसा विकास किया जा रहा है कि घर घर जुआरी पैदा किए जा रहे हैं! भड़ास ऐसे अपराधियों को नेस्तनाबूत करने का अभियान छेड़ेगा!’
इस Zupee नामक एप ने लूडो में पैसा इन्वोल्व कर इसे जुआ बना दिया है। लोग इसके लती होते जा रहे हैं। छोटे मोटे गली कूचे के जुआरियों को पुलिस वाले पकड़ लेते हैं लेकिन इतने बड़े स्तर पर चल रहे जुए के कारोबार पर कोई बोल नहीं रहा है। जैसे लग रहा है कि मोदी राज में इन हुआ कंपनियों को जनता को लूटने और पूरे देश को जुआखाना बना देने की खुली छूट मिली हुई है।
इस जुआ एप का न कोई पता ठिकाना है न कोई मोबाइल नम्बर न मेल आईडी। इस जुए के लती एक शख़्स बताते हैं कि उन्होंने दो हज़ार रूपये एंट्री फ़ी देकर साढ़े तीन हजार रूपये जीतने वाला गेम खेलना शुरू किया पर खेल शुरू होने के ठीक पहले स्क्रीन ब्लैंक हो गया और बिना खेले दो हज़ार रूपये कट गए। इसी एप पर ऑनलाइन टिकट क्रिएट किया लेकिन अभी कोई फ़ैसला नहीं हुआ है।
एक महिला ने भड़ास को मेल के ज़रिए बताया है कि उसके बेटे को इस लूडो जुआ की ऐसी लत पड़ी कि अपने सारे पैसे तो हार गया, बाद में झूठ बोलकर पैसे माँगने लगा और दिन रात इसी जुआ को खेलने में लीन रहने लगा। बाद में जब उससे कड़ाई से पूछताछ हुई तो उसने इस एप के बारे में बताया। उसके मोबाइल से इस एप को डिलीट कराने पर वो डिप्रेशन में चला गया। फ़िलहाल उसका मनोचिकित्सक के पास इलाज चल रहा है।
हर हाथ में मोबाइल और इंटरनेट है, ऑनलाइन जुआ खिलवाने वाले एप पर कहीं कोई बंदिश नहीं… ये एप प्लेस्टोर पर उपलब्ध है… एंड्रायड और आईओएस दोनों जगह है। यहाँ एकाउंट बनाना बेहद आसान। केवल आपका मोबाइल नम्बर चाहिए, otp से मोबाइल नम्बर वेरीफ़ाई होते ही आपके मोबाइल नम्बर से आपकी प्रोफ़ायल बन गई। पैसे एड करना बेहद आसान। शुरुआती नए लोग दो चार बार जीतते हारते हैं। फिर उन्हें मज़ा आने लगता है। धीरे धीरे इसके लती बनते जाते हैं। हारते जाने पर बड़ा अमाउंट दांव पर लगाकर घाटा पूरा करने की कोशिश में काफ़ी पैसा गँवा देते हैं।
….जारी…
डॉ अशोक कुमार शर्मा
October 5, 2022 at 6:28 pm
बात यहीं खत्म नहीं हो जाती। केवल लूडो खिलाने वाली कंपनियां ही नहीं लगभग 50 किस्म के और भी जुड़ें और सट्टे पर आधारित खेल विभिन्न एप्स खेलवा रही हैं और भारत से विदेशी मुद्रा को लगातार चूस रही है क्योंकि आप का भुगतान रुपए में होता है और उसे वे लोग डॉलर, यूरो, येन, और युआन में बदल लेते हैं।
इस तरह से भारत के सुरक्षित विदेशी मुद्रा कोष में सेंध लगाई गई है।यह सब कुछ देश में हो रहा है जहां लॉटरी बैन है। कैसीनो और जुआ खेलने वालों पर कारवाही का प्रावधान है। हमारे कानून में इतने प्रावधान हैं कि जुआरियों की आसानी से जमानत का भी कोई जुगाड़ नहीं हो सकता। लेकिन ऑनलाइन ऐप्स की दुनिया में यह माफिया लगातार से काम कर रहे हैं। इन के बारे में मैंने ऑनलाइन आरटीआई दायर करके जवाब मांगा था लेकिन उसका कोई उत्तर किसी ने नहीं दिया। आरटीआई भारत के सबसे शक्तिशाली कार्यालयों को संबोधित थी।
हद तो यह है कि अधिकतर के मुख्यालय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली क्या चीन में बने हुए हैं। कुछ संदिग्ध कंपनियां भारतीय कंपनियों के रूप में रजिस्टर्ड हैं और उनमें एक भी कर्मचारी भारतीय काम नहीं करता। सब के सब वीजा लेकर भारत आते हैं और यहां पर दिहाड़ी कार्मिकों को नियुक्त करके वापस चले जाते हैं। इनका सारा खेल ऑनलाइन वर्क फ्रॉम चाइना से चल रहा है और अपने कार्मिकों को भी ये ज़ूम पर निर्देश देते हैं।
इनके खातों की अगर आप पड़ताल करें तो पाएंगे रुपया जमा यहां वहां जहां-तहां से होता है लेकिन निकासी चीन, हांगकांग या सिंगापुर में।
नाम लिखने में मानहानि होगी, मगर देश के एक ताकतवर राजनेता के पुत्र को इस कारोबार का हिस्सा वसूलनेवाला बताया जाता है।
जुआरियों और अवैध सट्टेबाजों के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी ऐसा लगता नहीं।
Satyamew Jayate Media Group
October 7, 2022 at 8:34 am
Zupee के दो डायरेक्टर हैं आपकी ख़बर के बाद हमारी टीम द्वारा इन्वेस्टिगेशन की गई है संबंधित दस्तावेज़ आपके whatsapp Number पर भेज दिया है कल
Chandar ahirwar
March 28, 2023 at 7:36 pm
Me 80 hajar rupe har gya bo kese vapis honge please mujhe mere pese vapis karba do barna me mar jaunga
Pawan kmar
August 21, 2023 at 8:10 pm
मै भी zupee लूडो मै 50000₹ से अधिक हार गया हु! ये zupee वाले चिटिग और बोट्स करके game हरा दिया है मै भी इनकी लत लग गयी है मुझे बचा लो नही तो थोड़े दिनों मे मर जाउंगा! मेरे पैसे वापस दिलवा दो फिर नही खेलुगा! आप मेरी हेल्प करे
Vijay
August 24, 2023 at 8:30 am
Mene 4lakh rupes har gya mujhe lat lag gya tha dusre se Paisa lekar rin ke rup me 2lakh Hara or me dipretion me chla gya hu froud karta he ye game hak kar leta he
CHANDAN
January 7, 2024 at 12:47 am
Zupee Bed Games