पत्रकारों के खिलाफ पांवटा पुलिस के बढ़ते अमानवीय कृत्यों को लेकर मीडियाकर्मियों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। सिरमौर के अलावा बद्दी के पत्रकारों के समूह ने इस बाबत एसपी सौम्या सांबशिवान व डीसी बीसी बडालिया से मुलाकात की। विस्तृत बातचीत में एसपी व डीसी को साफ तौर पर बताया गया कि पांवटा में डीएसपी के निशाने पर पत्रकार हैं। पिछले छह महीनों में चार पत्रकारों के खिलाफ न केवल आपराधिक मामले बनाए गए, बल्कि अमानवीय तरीके से मार पिटाई भी की गई है। हाल ही में मामूली धाराओं पर पत्रकार नागेंद्र तरुण को 24 घंटे तक हिरासत में रखा गया, जबकि धाराओं में पत्रकार की जमानत फौरन ही हो सकती थी। पत्रकारों का आरोप है कि नागेंद्र तरुण को हिरासत में रखकर वीडियो भी बनाया गया, जो पांवटा शहर में वायरल किया जा रहा है।
साफ लहजे में पत्रकारों ने एसपी व डीसी को अवगत करवा दिया है कि अगर सात दिन के भीतर डीएसपी का स्थानांतरण नहीं हुआ तो उस सूरत में मजबूरन ही पत्रकारों को सरकारी कार्यक्रमों व प्रेस विज्ञप्तियों का बहिष्कार करना पड़ेगा। विस्तार से पत्रकारों की शिकायतें सुनने के बाद एसपी सौम्या सांबशिवान ने शिकायत को पुलिस मुख्यालय में दक्षिण जोन के आईजी को भेजने की बात की। जबकि डीसी बीसी बडालिया ने कहा कि जांच तो करवाई जा सकती है, लेकिन न्यायिक जांच संभव नहीं है।
इससे पूर्व पत्रकारों ने शमशेर स्कूल से एसपी-डीसी कार्यालय तक रोष प्रदर्शन भी किया। वरिष्ठ पत्रकार एसपी जैरथ ने कहा कि पुलिस अधिकारी 7 साpradarshanल से पांवटा में ही तैनात हैं। केवल कुछ समय के लिए बटालियन में नियुक्त किया गया। जैरथ ने साफ कर दिया कि जब पत्रकारों के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार किया जा सकता है तो आम लोगों की सुरक्षा कैसे होगी। वहीं बद्दी से पहुंचे पत्रकार रणेश राणा ने कहा कि पत्रकार नागेंद्र तरुण ने जो कुछ उन्हें फोन पर बताया, उसे सुनकर वह सन्न रह गए। राणा ने कहा कि यह पहला ही मौका होगा, जब पुलिस के डर से पत्रकार ने पांवटा शहर ही छोड़ दिया है। वहीं पांवटा के पत्रकार सुखविंद्र सिंह ने भी कड़ा रोष प्रकट करते हुए कहा कि पिछले एक साल के भीतर पांवटा साहिब में मुकेश, सुंदर, शीशपाल व श्याम लाल पुंडीर पर भी झूठे आरोप लगाकर पुलिस ने बदसलूकी की है।
कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) से विजयेंद्र शर्मा की रिपोर्ट. संपर्क: 09736276343