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अकबर से पहले फतेहपुर सीकरी में जैन धर्म की ध्वजा फहरा रही थी!

आगरा। वरिष्ठ पत्रकार और आगरा में पत्रिका डॉट कॉम के एडिटोरियल हेड डॉ. भानु प्रताप सिंह ने 9 नवम्बर, 2015 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक को अपनी पुस्तक भेंट की। ‘जैन धर्म का प्रमुख केन्द्र थी फतेहपुरसीकरी’ पुस्तक में बताया गया है कि अकबर से सैकड़ों साल पहले फतेहपुरसीकरी में जैन धर्म की ध्वजा फहरा रही थी। राज्यपाल चौ. मंजीत सिंह स्मृति जनसेवा समिति के सम्मान समारोह में शिरकत करने आए थे।

<p>आगरा। वरिष्ठ पत्रकार और आगरा में पत्रिका डॉट कॉम के एडिटोरियल हेड डॉ. भानु प्रताप सिंह ने 9 नवम्बर, 2015 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक को अपनी पुस्तक भेंट की। 'जैन धर्म का प्रमुख केन्द्र थी फतेहपुरसीकरी' पुस्तक में बताया गया है कि अकबर से सैकड़ों साल पहले फतेहपुरसीकरी में जैन धर्म की ध्वजा फहरा रही थी। राज्यपाल चौ. मंजीत सिंह स्मृति जनसेवा समिति के सम्मान समारोह में शिरकत करने आए थे।</p>

आगरा। वरिष्ठ पत्रकार और आगरा में पत्रिका डॉट कॉम के एडिटोरियल हेड डॉ. भानु प्रताप सिंह ने 9 नवम्बर, 2015 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक को अपनी पुस्तक भेंट की। ‘जैन धर्म का प्रमुख केन्द्र थी फतेहपुरसीकरी’ पुस्तक में बताया गया है कि अकबर से सैकड़ों साल पहले फतेहपुरसीकरी में जैन धर्म की ध्वजा फहरा रही थी। राज्यपाल चौ. मंजीत सिंह स्मृति जनसेवा समिति के सम्मान समारोह में शिरकत करने आए थे।

एएसआई को उत्खनन रोकना पड़ा था
1999-2000 में अमर उजाला में रिपोर्टिंग के दौरान उन्होंने फतेहपुरसीकरी पर शोध किया था। उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सहयोग से यह काम किया। एएसआई ने फतेहपुरसीकरी में उत्खनन किया तो वहां जैन मूर्तियां निकलीं। एएसआई को राजनीतिक कारणों से उत्खनन का काम बीच में रोकना पड़ा था।

शोध की जरूरतः टौंक
डॉ. सिंह ने पुस्तक की एक प्रति सेवा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूर्यप्रकाश टौंक को भी भेंट की। उन्होंने कहा कि इस विषय पर औऱ आगे शोध करने की जरूरत है। इस बारे में सेवा भारती अपने स्तर पर मदद करेगी।

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