Connect with us

Hi, what are you looking for?

ये दुनिया

भक्तगण आहत हैं कि देशभक्तों को झंडा फहराने में पीट दिया गया और उनकी सरकार मौन है

ऐसे में ये भक्तगण अपना गुस्सा मीडिया, सेकुलरों और आपियों पर निकाल रहे!

Sanjaya Kumar Singh : जिसकी लाठी उसकी भैंस में यही होता है! एनडीटीवी के प्राइमटाइम में आज एनआईटी श्रीनगर का मामला था। वहां जो हुआ इस बारे में जो बताया, सुनाया, दिखाया गया और उससे जो समझ में आया वह यही है कि भारत-पाकिस्तान मैच में पाकिस्तान की हार पर गैर कश्मीरी छात्रों ने कश्मीरी छात्रों को चिढ़ाया और कमेन्ट किया। बदले में, सेमीफाइनल में भारत की हार पर कश्मीरी छात्रों ने उसका बदला लिया। पाकिस्तान का झंडा लहराया। (और यह सब वहां होता रहता है)। इस बार, इसके जवाब में देशभक्तों ने भारत का झंडा फहराने की कोशिश की और झगड़ा हुआ। पीटे गए।

<p><strong>ऐसे में ये भक्तगण अपना गुस्सा मीडिया, सेकुलरों और आपियों पर निकाल रहे!</strong></p> <p>Sanjaya Kumar Singh : जिसकी लाठी उसकी भैंस में यही होता है! एनडीटीवी के प्राइमटाइम में आज एनआईटी श्रीनगर का मामला था। वहां जो हुआ इस बारे में जो बताया, सुनाया, दिखाया गया और उससे जो समझ में आया वह यही है कि भारत-पाकिस्तान मैच में पाकिस्तान की हार पर गैर कश्मीरी छात्रों ने कश्मीरी छात्रों को चिढ़ाया और कमेन्ट किया। बदले में, सेमीफाइनल में भारत की हार पर कश्मीरी छात्रों ने उसका बदला लिया। पाकिस्तान का झंडा लहराया। (और यह सब वहां होता रहता है)। इस बार, इसके जवाब में देशभक्तों ने भारत का झंडा फहराने की कोशिश की और झगड़ा हुआ। पीटे गए।</p>

ऐसे में ये भक्तगण अपना गुस्सा मीडिया, सेकुलरों और आपियों पर निकाल रहे!

Sanjaya Kumar Singh : जिसकी लाठी उसकी भैंस में यही होता है! एनडीटीवी के प्राइमटाइम में आज एनआईटी श्रीनगर का मामला था। वहां जो हुआ इस बारे में जो बताया, सुनाया, दिखाया गया और उससे जो समझ में आया वह यही है कि भारत-पाकिस्तान मैच में पाकिस्तान की हार पर गैर कश्मीरी छात्रों ने कश्मीरी छात्रों को चिढ़ाया और कमेन्ट किया। बदले में, सेमीफाइनल में भारत की हार पर कश्मीरी छात्रों ने उसका बदला लिया। पाकिस्तान का झंडा लहराया। (और यह सब वहां होता रहता है)। इस बार, इसके जवाब में देशभक्तों ने भारत का झंडा फहराने की कोशिश की और झगड़ा हुआ। पीटे गए।

एनडीटीवी के मुताबिक दो वीडियो हैं एक में पुलिस छात्रों को घेर कर पीट रही है। दूसरे में छात्र तोड़फोड़ कर रहे हैं (और इसलिए) पुलिस ने पीट दिया। यह तय नहीं है कि कौन सा वीडियो पहले का है और कौन बाद का। यानी पुलिस ने पिटाई की तो छात्रों ने तोड़फोड़ की या छात्रों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी तो पुलिस ने ठुकाई कर दी। सच झूठ तय करना रवीश ने दर्शकों पर छोड़ दिया। मैं पाठकों पर छोड़ दे रहा हूं।

रवीश ने कहा कि सोशल मीडिया पर पूछा जा रहा है कि मीडिया वाले वहां क्यों नहीं पहुंचे। कार्यक्रम में संस्थान के वीडियो दिखाए गए और कहा गया है मीडिया को संस्थान के अंदर प्रवेश की इजाजात नहीं है। यहां तक कि कैम्पस में निकाला गया जुलूस बाहर से रिकार्ड न किया जा सके इसके लिए पुलिस की गाड़ियां खड़ी करके पर्दा बना दिया गया और यही वीडियो दिखाया गया। अभी तक इस बात की जांच नहीं शुरू हुई है कि कैम्पस में पाकिस्तान का झंडा किसने फहराया। कार्यक्रम के दौरान कहा नहीं गया लेकिन जानने वाले जानते हैं कि कश्मीर में यह आम बात है और अक्सर ऐसा होता रहता है – जाहिर है इसीलिए इसकी जांच नहीं शुरू हुई है। अंदर से वीडियो न भेजे जा सकें, इसके लिए संस्थान के अंदर ब्राडबैंड को कम कर दिया गया है।

भक्तगण आहत हैं कि देशभक्तों को झंड़ा फहराने की कोशिश में पीट दिया गया। और दुखद यह है कि भक्तों के समर्थन में बनी सरकार ने पुलिस के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। गुस्सा मीडिया के साथ-साथ सेकुलरों और आपियों पर भी निकल रहा है कि अब क्यों नहीं कुछ बोल रहे हैं। लेकिन, इसमें बोलने का क्या है। जिसकी लाठी उसकी भैंस में यही होता है। कश्मीर में भी यही हुआ। पहले भी यही हुआ है इस बार भी वही हुआ सिर्फ भैंस जिसके हाथ गई वह बदल गया है। उस पर तुर्रा यह कि वहां की पुलिस ने आम दिनों की तरह पाकिस्तान का झंडा फहराने वालों को नजरअंदाज कर दिया और भारत का झंडा फहराने वालों को विवाद करने वाला मान लिया। पुलिस तो अपने हिसाब से काम करेगी। उसे तो कानून व्यवस्था की स्थिति कायम रखना होता है। और, कश्मीर में इसके लिए उसे देशभक्तों को पीटना पड़ा। दुख की बात यह है कि पाकिस्तान परस्तों के अपराध को मामूली मानकर दोषियों को पहचानने की कोशिश भी नहीं शुरू हुई है।

वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह के फेसबुक वॉल से.

You May Also Like

Uncategorized

मुंबई : लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में मुंबई सेशन कोर्ट ने फिल्‍म अभिनेता जॉन अब्राहम को 15 दिनों की जेल की सजा...

ये दुनिया

रामकृष्ण परमहंस को मरने के पहले गले का कैंसर हो गया। तो बड़ा कष्ट था। और बड़ा कष्ट था भोजन करने में, पानी भी...

ये दुनिया

बुद्ध ने कहा है, कि न कोई परमात्मा है, न कोई आकाश में बैठा हुआ नियंता है। तो साधक क्या करें? तो बुद्ध ने...

दुख-सुख

: बस में अश्लीलता के लाइव टेलीकास्ट को एन्जॉय कर रहे यात्रियों को यूं नसीहत दी उस पीड़ित लड़की ने : Sanjna Gupta :...

Advertisement