राष्ट्रीय सहारा वाराणसी में दो रिपोर्टरों में मारपीट हो गई। बात इतनी बढ़ी कि संपादक को बीच-बचाव करने रिपोर्टिंग कार्यालय जाना पड़ा।
मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस बीट देख रहे अमरनाथ ने किसी कार्यक्रम में विनय सिंह नामक कर्मचारी को भेज दिया। जाने को तो विनय चले गए लेकिन खबर नहीं की, क्योंकि ठहरे तो आपरेटर ही। बहरहाल जब खबर नहीं लिख पाए तो अमरनाथ ने मूल बीटधारी मनोज श्रीवास्तव से खबर लिखने को कहा तो वे हत्थे से उखड़ गए । उनका कहना था कि जब तुमने भेजा है तो तुम्हीं जानो, इसी बात को लेकर दोनों भिड़ गए। बात तू..तू मैं..मैं से मारपीट पर आ गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि एक पक्ष ने दूसरे पक्ष को दो हाथ जड़ दिया। यह तो गनीमत थी कि कानूनी बीट देखने वाले विधि संवाददाता के रूप में काम करने वाले वीरेन्द्र सिंह ने बीच-बचाव कर फौरीतौर पर मामला शांत तो करा दिया। मामला और न तूल पकड़े इसके लिए स्थानीय संपादक स्नेह रंजन मामले की जानकारी होते ही फौरन रिपोर्टिंग कार्यालय के लिए रवाना हो गए।
बताते चलें कि इतने छोटे से मुद्दे पर मारपीट की नौबत यूं ही नहीं आई। यह तो किसी न किसी दिन होना ही था। सूत्रों का कहना है कि डीटीपी आपरेटर विनय संपादक स्नेह रंजन का चिंटू है। इससे पहले भी रिपोर्टिंग करायी गई थी। कमाने वाली जगहों पर इसे ही भेजा जाता है। बताया जाता है कि पैसा ऊपर तक पहुंचाया जाता है।
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