उत्तर-प्रदेश: एक तरफ फिरोजाबाद में जिलाधिकारी स्वच्छ भारत मिशन के तहत धरमई गांव के लोगों से खुले में शौच नहीं करने की अपील कर रहे हैं, तो दूसरी ओर आगरा में वयोवृद्ध समाजसेवी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री चिम्मनलाल जैन पिछले 3 माह से सरकार से शराब पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं।
24 सितंबर को जिलाधिकारी ने गांव धरमई में दौरा किया था। जहां उन्होंने गांव में कई पक्के मकान तो देखे, लेकिन घरों में कहीं भी शौचालय की व्यवस्था नहीं पाई। जिसके बाद प्रशासनिक कर्मचारियों से पता चला कि गांव में सभी लोग खुले में ही शौच के लिए जाते हैं और जब ग्रामीणों को ऐसा करने से मना किया जाता है, तो कुछ ग्रामीण दबंगई दिखाते हैं। जिसके बाद जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को खुले में शौच करने पर होने वाले दुष्प्रभावों को समझाया। साथ ही उन्होंने आदेश दिया कि अब जो भी ग्रामीण खुले में शौच करेंगे उन्हें वांटेड घोषित करके क्षेत्र में उनके पोस्टर लगाये जाएंगे और पांच सौ रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर श्री चिम्मनलाल ने आगरा के होटल गोवर्धन में पत्रकार वार्ता की। जिसमें उन्होंने 2 अक्टूबर को यमुना में जल समाधि लेने की घोषणा की है। उनका कहना है कि सरकार राजस्व के लालच में समाज को विकृत रूप देने वाली शराब पर रोक नहीं लगा रही है। जबकि समाज में शराब की लत के कारण अनेक गरीब परिवार भुखमरी की कगार पर हैं। सरकार ने अगर उनकी मांग नहीं मानी तो वह 2 अक्टूबर को जल समाधि ले लेगें और 30 अक्टूबर को यानी गांधी जंयती के दिन से उनके सहयोगी शराब के ठेकों में आग लगाना शुरू कर देंगे। गौरतलब है कि समाज सेवी चिम्मनलाल पिछले तीन माह से सरकार से शराब पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं।