Sandip Naik : मप्र में कलेक्टरों की बदतमीजी बढ़ती जा रही है। कल दतिया कलेक्टर प्रकाश जांगरे ने पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री कमल किशोर सिंगारे को चांटा मार दिया। यह सब भ्र्ष्टाचार की मलाई, बंदरबांट और ऊपर तक हिस्सा पहुंचाने का परिणाम है। अपने हिस्से में से लोग देना नही चाहते और एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि मप्र में सिर्फ सरकार के लोगों को नही बल्कि पार्टी और संगठन में भी देना मजबूरी है वरना लूप लाईन में जाने के खतरे ज्यादा है।
चम्बल संभाग में तो यह रिवाज ज्यादा है और जो इसको साध लेता है उसे इंदौर जैसा स्वर्ग मिल जाता है। जब तक आप ब्यूरोक्रेसी का मूल चरित्र नही बदलेंगे तब तक कुछ नही होगा सिर्फ स्थानांतरण करने से क्या होगा?? कुन्ठित व्यक्ति को कही भी रखो ये संक्रमण तो फैलायेगा ही। अब इनपर जब तक चौराहे पर लटकाकर फांसी नही दी जायेगी तब तक ये बद्तमीज ब्यूरोक्रेट सुधरेंगे।
सोशल एक्टिविस्ट संदीप नाईक के फेसबुक वॉल से.