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पंजाब केसरी के मालिकों विजय चोपड़ा, अविनाश चोपड़ा व पत्रकार मालवा को लीगल नोटिस

जगराओं : पंजाब केसरी के मालिकों व पत्रकारों का झूठी व मनघडंत खबरें छापकर लोगों को ब्लैकमेल करने का सिलसिला थम नहीं रहा। झूठी व मनघडंत खबर छापने पर जगराओं के एडवोकेट विजय कुमार बांसल ने जगबाणी के स्थानीय पत्रकार अमरजीत सिंह मालवा समेत पंजाब केसरी मालिकों विजय चोपड़ा व अविनाश चोपड़ा को लीगल नोटिस भेजा है, जिसका जवाब 7 दिन के भीतर देने के लिए कहा गया है। अगर, 7 दिन के भीतर ज्वाब नहीं दिया जाता तो इन लोगों पर आई.पी.सी. की धारा 499/500 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

<p>जगराओं : पंजाब केसरी के मालिकों व पत्रकारों का झूठी व मनघडंत खबरें छापकर लोगों को ब्लैकमेल करने का सिलसिला थम नहीं रहा। झूठी व मनघडंत खबर छापने पर जगराओं के एडवोकेट विजय कुमार बांसल ने जगबाणी के स्थानीय पत्रकार अमरजीत सिंह मालवा समेत पंजाब केसरी मालिकों विजय चोपड़ा व अविनाश चोपड़ा को लीगल नोटिस भेजा है, जिसका जवाब 7 दिन के भीतर देने के लिए कहा गया है। अगर, 7 दिन के भीतर ज्वाब नहीं दिया जाता तो इन लोगों पर आई.पी.सी. की धारा 499/500 के तहत कार्रवाई की जाएगी।</p>

जगराओं : पंजाब केसरी के मालिकों व पत्रकारों का झूठी व मनघडंत खबरें छापकर लोगों को ब्लैकमेल करने का सिलसिला थम नहीं रहा। झूठी व मनघडंत खबर छापने पर जगराओं के एडवोकेट विजय कुमार बांसल ने जगबाणी के स्थानीय पत्रकार अमरजीत सिंह मालवा समेत पंजाब केसरी मालिकों विजय चोपड़ा व अविनाश चोपड़ा को लीगल नोटिस भेजा है, जिसका जवाब 7 दिन के भीतर देने के लिए कहा गया है। अगर, 7 दिन के भीतर ज्वाब नहीं दिया जाता तो इन लोगों पर आई.पी.सी. की धारा 499/500 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

लीगल नोटिस भेजे जाने का पता चलने के बाद अखबार के मालिक बाप-बेटों में हड़कंप मच गया है। उन्होंने पत्रकार मालवा को जल्द ही इस मामले को निपटाने को कहा है। पत्रकार मालवा ने इस मामले को निपटाने के लिए हाथ-पैर मारने शुरू कर दिए हैं। इसके लिए उक्त पत्रकार ने अपने द्वारा ही छापी गई खबर का खंडन भी अखबार में प्रकाशित कर दिया है। जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले गांव कोठे खजूरां के एक स्कूल के चौकीदार को कुछ महिलाओं ने बंधक बनाकर सामान चुराया था। पुलिस ने इस संबंध में एडवोकेट विजय बांसल की शिकायत पर मामला दर्ज किया और 7 औरतों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। पत्रकार मालवा की ओर से 25 जून के अंक में छापी गई खबर में एडवोकेट विजय बांसल के पिता राम स्वरूप को ही स्कूल का चौकीदार लिख दिया गया, जिसे बंधक बनाकर महिलाओं नें लूट लिया। जबकि एडवोकेट विजय बांसल के पिता का स्वर्गवास हुए दशकों बीत चुके हैं। नोटिस में लिखा गया है कि इस खबर के छपने से जहां बांसल परिवार के मन को ठेस पहुंची है, वहीं शहर के लोगो नें उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई है। (दैनिक सवेरा अखबार से साभार)

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