Connect with us

Hi, what are you looking for?

दुख-सुख

यशवंत जोशी और बबन प्रसाद मिश्र का निधन, टाडा आरोपी पत्रकार सुरेंद्र सिंह ने किया सरेंडर

डूंगरपुर से खबर है कि पत्रकार यशवंत जोशी का शनिवार देर रात निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे। डूंगरपुर से प्रकाशित साप्ताहिक समाचार पत्र डूंगरपुर एक्सप्रेस के संपादक के रूप में पत्रकारिता करते हुए जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष भी रहे तथा 1977 की आपातकाल में मीसाबंदी के रूप में जेल में भी गए थे। जोशी विभिन्न सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए थे। रविवार को सुरपुर मोक्षधाम पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।

<p>डूंगरपुर से खबर है कि पत्रकार यशवंत जोशी का शनिवार देर रात निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे। डूंगरपुर से प्रकाशित साप्ताहिक समाचार पत्र डूंगरपुर एक्सप्रेस के संपादक के रूप में पत्रकारिता करते हुए जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष भी रहे तथा 1977 की आपातकाल में मीसाबंदी के रूप में जेल में भी गए थे। जोशी विभिन्न सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए थे। रविवार को सुरपुर मोक्षधाम पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।</p>

डूंगरपुर से खबर है कि पत्रकार यशवंत जोशी का शनिवार देर रात निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे। डूंगरपुर से प्रकाशित साप्ताहिक समाचार पत्र डूंगरपुर एक्सप्रेस के संपादक के रूप में पत्रकारिता करते हुए जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष भी रहे तथा 1977 की आपातकाल में मीसाबंदी के रूप में जेल में भी गए थे। जोशी विभिन्न सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए थे। रविवार को सुरपुर मोक्षधाम पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।

आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त टाडा के आरोपी विदेशी चैनल के पत्रकार ने अम्बाला कोर्ट में सरेंडर किया है। यह लंबे समय से फरार चल रहा था। पुलिस की कोशिशों के बाद भी इसका सुराग नहीं लग रहा था। अब यह अम्बाला सेंट्रल जेल में हवालाती है। आरोपी ने कुछ दिन पहले ही अम्बाला के एडिशनल सेशन जज राकेश कुमार की कोर्ट में सरेंडर किया था। आरोपी हरियाणा पुलिस से भगौड़ा था। दरअसल, कुछ साल पहले पटियाला ढिल्लो कॉलोनी के सुरेंद्र सिंह पर हरियाणा के कैथल स्थित चीका थाने में आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने जानलेवा हमला करने के आरोप में केस दर्ज हुआ था। यह केस गांव मलिकपुर के नंबरदार गुरचरण सिंह ने दर्ज करवाया था क्योंकि इसने अपने साथियों के साथ मिलकर उनके घर पर फायरिंग की थी। पुलिस ने गुरचरण सिंह की शिकायत पर जून 1988 में करीब 11 लोगों पर टाडा एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। इस केस में पुलिस लगभग सभी आरोपियों को काबू कर चुकी थी। जिनमें से तीन आरोपियों की मौत हो गई, जबकि सात अन्य बरी हो गए थे। मगर सुरेंद्र सिंह जनवरी 1994 को अम्बाला कोर्ट से भगौड़ा घोषित हो गया था। तब टाडा कोर्ट अम्बाला में थी। तभी से पुलिस इसकी तलाश कर रही थी। अब इसने पुलिस की बढ़ती दबिश को देखते हुए अम्बाला एडीशनल सेशन जज राकेश कुमार की कोर्ट में सरेंडर किया है।

रायपुर से खबर है कि छत्तीसगढ के जाने माने पत्रकार एवं साहित्यकार बबन प्रसाद मिश्र का यहां दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे। वह 77 वर्ष के थे।

You May Also Like

Uncategorized

मुंबई : लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में मुंबई सेशन कोर्ट ने फिल्‍म अभिनेता जॉन अब्राहम को 15 दिनों की जेल की सजा...

ये दुनिया

रामकृष्ण परमहंस को मरने के पहले गले का कैंसर हो गया। तो बड़ा कष्ट था। और बड़ा कष्ट था भोजन करने में, पानी भी...

ये दुनिया

बुद्ध ने कहा है, कि न कोई परमात्मा है, न कोई आकाश में बैठा हुआ नियंता है। तो साधक क्या करें? तो बुद्ध ने...

दुख-सुख

: बस में अश्लीलता के लाइव टेलीकास्ट को एन्जॉय कर रहे यात्रियों को यूं नसीहत दी उस पीड़ित लड़की ने : Sanjna Gupta :...

Advertisement