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राजस्थान एटीएस के अफसरों ने अधिवक्ता पराचा को जान से मारने की धमकी दी!

लखनऊ, 11 जून 2015। रिहाई मंच ने आतंकवाद के नाम पर कैद लोगों का मुकदमा लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद पराचा को राजस्थान एटीएस के कुछ अधिकारियों द्वारा जयपुर कोर्ट परिसर के अंदर जान से मार देने की धमकी देने के मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। मंच ने इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ कांड में आरोपी आईबी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की गृहमंत्रालय द्वारा अनुमति न दिए जाने पर टिप्पणी करते हुए इसे न्याय की हत्या करार दिया है। मंच ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल के उस बयान पर भी स्पष्टीकरण मांगा है जिसमें उन्होंने मुसलमानों से अयोध्या, मथुरा, काशी हिंदुओं को सौंप देने के बाद ही खुशहाली आने की बात कही है।

<p>लखनऊ, 11 जून 2015। रिहाई मंच ने आतंकवाद के नाम पर कैद लोगों का मुकदमा लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद पराचा को राजस्थान एटीएस के कुछ अधिकारियों द्वारा जयपुर कोर्ट परिसर के अंदर जान से मार देने की धमकी देने के मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। मंच ने इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ कांड में आरोपी आईबी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की गृहमंत्रालय द्वारा अनुमति न दिए जाने पर टिप्पणी करते हुए इसे न्याय की हत्या करार दिया है। मंच ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल के उस बयान पर भी स्पष्टीकरण मांगा है जिसमें उन्होंने मुसलमानों से अयोध्या, मथुरा, काशी हिंदुओं को सौंप देने के बाद ही खुशहाली आने की बात कही है।</p>

लखनऊ, 11 जून 2015। रिहाई मंच ने आतंकवाद के नाम पर कैद लोगों का मुकदमा लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद पराचा को राजस्थान एटीएस के कुछ अधिकारियों द्वारा जयपुर कोर्ट परिसर के अंदर जान से मार देने की धमकी देने के मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। मंच ने इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ कांड में आरोपी आईबी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की गृहमंत्रालय द्वारा अनुमति न दिए जाने पर टिप्पणी करते हुए इसे न्याय की हत्या करार दिया है। मंच ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल के उस बयान पर भी स्पष्टीकरण मांगा है जिसमें उन्होंने मुसलमानों से अयोध्या, मथुरा, काशी हिंदुओं को सौंप देने के बाद ही खुशहाली आने की बात कही है।

 

रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि आतंकवाद के नाम पर बंद मुसलमानों के मुकदमें लड़ रहे वकीलों को मारने की धमकी देना, उनके ऊपर हमले करना या शाहिद आजमी जैसे वकील की हत्या करवा देना यह साबित करता है आतंकवाद के अधिकतर मुकदमें फर्जी हैं और सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों को डर है कि पैरवी करने वाले एक दिन उन्हें रिहा करवा देंगे जिससे सुरक्षा एजेंसियों का झूठ बेनकाब हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार हो या फिर मौजूदा मोदी सरकार, सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को वकीलों को मारने-धमकाने और यहां तक की छूटने के कगार पर आ गए आरोपियों की हत्या करने की खुली छूट गृह मंत्रालय से मिली हुई है। इसीलिए कभी कतील सिद्दीकी की हत्या कर दी जाती है तो कभी खालिद मुजाहिद की। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों तेलंगाना में आतंकवाद के पांच आरोपियों के हत्या इसी कड़ी का हिस्सा है। मुहम्मद शुऐब ने आतंकवाद का मुकदमा लड़ने वाले वकीलों और आरोपियों की सुरक्षा की मांग करते हुए कहा कि अधिवक्ता महमूद पराचा को धमकी देने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा कि अशोक सिंघल का यह बयान कि गोधरा कांड की घटना ने ही मोदी नाम के व्यक्तित्व को पैदा किया, साफ कर देता है कि मोदी किसी विकास के एजेण्डे की देन नहीं हैं बल्कि गुजरात में हुए मुसलमानों के जनसंहार में अपनी भूमिका की पैदाइश हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से गृहमंत्री राजनाथ सिंह के मंचों से मंदिर मुद्दे को उछाला जा रहा है वह साफ कर रहा है कि गृहमंत्री के एजेण्डे में देश की सुरक्षा नहीं बल्कि सांप्रदायिकता है। राजीव यादव ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से उनकी मौजूदगी में विहिप नेता अशोक सिंघल के उस बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है जिसमें उन्होंने कहा है कि मुसलमान यदि अयोध्या, मथुरा, काशी हिंदुओं को दें दे तो देश में अमन और शांति हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अमन और शांति बहाल करना राज्य की जिम्मेदारी है किसी संगठन द्वारा इस तरह की धमकी देने का साफ मतलब है कि अगर मुसलमान अयोध्या, मथुरा और काशी पर से अपना दावा नहीं छोड़ते हैं तो इस देश में विहिप जैसे संगठन अमन-चैन नहीं रहने देंगे। अशोक सिंघल का यह बयान गृहमंत्री की मौजूदगी में राज्य मशीनरी और सत्ता को चुनौती है जिसपर राजनाथ सिंह को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

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