बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को जहां देश की दशा-दिशा तय करने वाला करार दिया जा रहा है वहीं इन सबके बीच चुनाव आयोग ने कमर कस ली है। आयोग पहली बार इन चुनावों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेगा। एक वरिष्ठ निर्वाचन अधिकारी ने यह जानकारी दी।
बिहार के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आर.लक्ष्मणन ने बताया कि चुनाव सर्वेक्षण के लिए पहले हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा चुका है लेकिन इस बार ड्रोन का इस्तेमाल शायद पहली बार किया जा रहा है। देश के तीसरे सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया 12, 16, 28 अक्टूबर, एक नवंबर और पांच नवंबर को पांच चरणों में पूरी की जाएगी। मतों की गणना आठ नवंबर को होगी। लक्ष्मणन ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना, पैसों का दुरुपयोग, आदर्श आचार संहिता लागू करना और मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाना निश्चित रूप से सबसे बड़ी चुनौती होगी।
चुनाव तैयारियों के निरीक्षण के लिए लगभग चार लाख 89 हजार असैनिक अधिकारियों और छह लाख सुरक्षा सैनिकों को तैनात किया गया है। राज्य के 62,779 मतदान केंद्रों में छह करोड़ छह लाख मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे जिनमें तीन करोड़ एक लाख महिला मतदाता शामिल हैं। लक्ष्मणन ने कहा कि छह अक्टूबर तक 15 लाख 56 हजार करोड़ रुपए और मतदान के दिनों में बांटने के लिए इकठ्ठी की गई लगभग पांच लाख लीटर शराब जब्त की जा चुकी है। लक्ष्मणन के मुताबिक चुनाव खर्चों के मामले में पैसा और शराब दो ऐसी चीजें हैं जिन पर निगरानी रखना बड़ी चुनौती है। चुनाव कार्यालय इनके उल्लघंन के लिए अब तक 265 प्राथमिकियां दर्ज कर चुका है। लक्ष्मणन ने कहा कि दूसरी बड़ी चुनौती कानून व्यवस्था बनाए रखना है। लक्ष्मणन ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में नक्सलियों से गंभीर खतरे वाले ग्यारह जिलों में चलाए गए तलाशी अभियानों के सकारात्मक नतीजे निकले हैं। 300 विस्फोटकों और 800 गैर कानूनी हथियारों की बरामदगी के साथ उल्लेखनीय सफलता मिली है।