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तीन चरणों की परीक्षा के बाद भी दूरदर्शन को मिले 39 नाकाबिल उम्मीदवार… !

भाई जी, मेरे एक मित्र ने ये खबर मुझे भेजी थी, जिसमें बताया गया है कि डीडी न्युज ने एंकर, रिपोर्टर (सीनियर और जूनियर वर्ग) और आउटपुट कॉर्डिनेटर जैसे पदों की भर्ती के लिए एक लंबी चौड़ी प्रक्रिया के तहत ४०० लोगों की परीक्षा ली थी। करीब ३-४ महीने में दो तीन लेवल के बाद ३९ लोगों को इंटरव्यु के लिए चयनित किया गया और फ़िर अचानक एक दिन सब कुछ निरस्त कर दिया, सारी परिक्षा प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया, यह कहकर कि उन्हें काबिल लोग नहीं मिले..अब फिर एक बार पुन: इन्ही पदों की भर्ती के लिए सीधे साक्षात्कार के लिए विज्ञापन दिया है यानी, इस बार कोई परिक्षा नहीं, बस सीधी भर्ती..कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ होने की बू है..हरिभूमि के माध्यम से क्या इसे बतौर हेडलाइन खबर लिया जा सकता है? अब तक कहीं भी इस खबर का प्रकाशन नहीं हुआ है। खबर की जानकारी पुख्ता है क्योंकि मेरे एक मित्र ही भुक्तभोगी है उन्होंने इस दुविधा भरे दौर में खुद को असहाय सा पाया है, उन्हें भी ३९ लोगों में शामिल किया गया था जिनके इंटरव्यु होने थे, इंटरव्यु के इंतजार करने वालों को अचानक ये पता चला कि सारी परिक्षा इसलिए निरस्त कर दी गयी है कि दूरदर्शन को काबिल लोग नहीं मिले, अजीब बात है।

<p>भाई जी, मेरे एक मित्र ने ये खबर मुझे भेजी थी, जिसमें बताया गया है कि डीडी न्युज ने एंकर, रिपोर्टर (सीनियर और जूनियर वर्ग) और आउटपुट कॉर्डिनेटर जैसे पदों की भर्ती के लिए एक लंबी चौड़ी प्रक्रिया के तहत ४०० लोगों की परीक्षा ली थी। करीब ३-४ महीने में दो तीन लेवल के बाद ३९ लोगों को इंटरव्यु के लिए चयनित किया गया और फ़िर अचानक एक दिन सब कुछ निरस्त कर दिया, सारी परिक्षा प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया, यह कहकर कि उन्हें काबिल लोग नहीं मिले..अब फिर एक बार पुन: इन्ही पदों की भर्ती के लिए सीधे साक्षात्कार के लिए विज्ञापन दिया है यानी, इस बार कोई परिक्षा नहीं, बस सीधी भर्ती..कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ होने की बू है..हरिभूमि के माध्यम से क्या इसे बतौर हेडलाइन खबर लिया जा सकता है? अब तक कहीं भी इस खबर का प्रकाशन नहीं हुआ है। खबर की जानकारी पुख्ता है क्योंकि मेरे एक मित्र ही भुक्तभोगी है उन्होंने इस दुविधा भरे दौर में खुद को असहाय सा पाया है, उन्हें भी ३९ लोगों में शामिल किया गया था जिनके इंटरव्यु होने थे, इंटरव्यु के इंतजार करने वालों को अचानक ये पता चला कि सारी परिक्षा इसलिए निरस्त कर दी गयी है कि दूरदर्शन को काबिल लोग नहीं मिले, अजीब बात है।</p>

भाई जी, मेरे एक मित्र ने ये खबर मुझे भेजी थी, जिसमें बताया गया है कि डीडी न्युज ने एंकर, रिपोर्टर (सीनियर और जूनियर वर्ग) और आउटपुट कॉर्डिनेटर जैसे पदों की भर्ती के लिए एक लंबी चौड़ी प्रक्रिया के तहत ४०० लोगों की परीक्षा ली थी। करीब ३-४ महीने में दो तीन लेवल के बाद ३९ लोगों को इंटरव्यु के लिए चयनित किया गया और फ़िर अचानक एक दिन सब कुछ निरस्त कर दिया, सारी परिक्षा प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया, यह कहकर कि उन्हें काबिल लोग नहीं मिले..अब फिर एक बार पुन: इन्ही पदों की भर्ती के लिए सीधे साक्षात्कार के लिए विज्ञापन दिया है यानी, इस बार कोई परिक्षा नहीं, बस सीधी भर्ती..कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ होने की बू है..हरिभूमि के माध्यम से क्या इसे बतौर हेडलाइन खबर लिया जा सकता है? अब तक कहीं भी इस खबर का प्रकाशन नहीं हुआ है। खबर की जानकारी पुख्ता है क्योंकि मेरे एक मित्र ही भुक्तभोगी है उन्होंने इस दुविधा भरे दौर में खुद को असहाय सा पाया है, उन्हें भी ३९ लोगों में शामिल किया गया था जिनके इंटरव्यु होने थे, इंटरव्यु के इंतजार करने वालों को अचानक ये पता चला कि सारी परिक्षा इसलिए निरस्त कर दी गयी है कि दूरदर्शन को काबिल लोग नहीं मिले, अजीब बात है।

 

इस क्या अब इस बक्से को सिर्फ बुद्धू चाहिए ?
इस साल की शुरुआत में दूरदर्शन ने अपनी वेबसाइट पर एंकर , रिपोर्टर (सीनियर और जूनियर वर्ग) और आउटपुट कॉर्डिनेटर इत्यादि कुल सात पदों के लिए आवेदन मंगवाये और इसके लिए शिक्षा और अनुभव की अहर्ता रखी गयी। सभी आवेदनों के मिलने के बाद ज़रूरी शर्तें पूरी करने वाले लगभग 400 आवेदकों को लिखित परीक्षा के लिए सूचित किया गया। जो 5 जुलाई 2015 को आयोजित की गयी। लिखित परीक्षा को तीन हिस्सों में बांटा गया  A, B और C, A वर्ग में भाषा ज्ञान और तर्क शक्ति परखी गयी। B में सामान्य ज्ञान और सरकारी योजनाओं से सम्बंधित प्रश्न पूछे गए और वर्ग C में पत्रकारिता की लेखन योग्यता परखी गयी। खास यह की अगले वर्ग में जाने के लिए उससे पहले के वर्ग में न्यूनतम 50 फीसदी अंक हासिल करने ज़रूरी किए गए थे।
इसके बाद तीन पदों senior Anchor /Correspondent cum Output Coordinator ,Anchor cum Correspondent और correspondent इन तीन पदों के लिए 22 ,23, और 24 July को Screen test  आयोजित किया गया। जिसमें लिखित परीक्षा को पास करने वाले पहले 46 अभ्यर्थियों को बुलाया गया।
 इसके बाद 3 ,4 और 5 अगस्त को साक्षात्कार रखे गए। जिसमें सभी 7 पदों के लिए कुल 39 अभ्यर्थियों को बुलाया गया और इसमें दूसरे दौर में लिए गए तीन पदों के screen test को पास करने वाले 19 अभ्यर्थी भी शामिल किये गए।
ज़ाहिर है इस आखिरी चरण के बाद इन सभी 39 अभ्यर्थियों को नतीजों का इंतज़ार है पर उनका इंतज़ार न सिर्फ अंतहीन सा हो गया बल्कि इनमें से कई पदों (Senior Anchor cum Correspondent ,Output Coordinator और Anchor and Correspondent ) के लिए फिर से एक विज्ञापन 28 अगस्त से DD news की साईट पर दिख रहा है जिसमें इस बार लिखित परिक्षा को ख़त्म कर सीधे साक्षात्कार के लिए बुलाया जा रहा है। इसमें दो बातें ख़ास हैं पहला ये की इस बार पहले की ज़्यादा जवाबदेह और पारदर्शी प्रक्रिया की जगह एक कम जवाबदेह और कम पारदर्शी प्रक्रिया रख दी गयी। दूसरा ये की पहले आवेदन भरने से ले कर साक्षात्कार तक करीब 5 महीने का वक़्त लगा जो इस बार के विज्ञापन के मुताबिक़ एक हफ्ते के भीतर पूरा किया जाना तय है।
DD के सूत्र नाम न लिए जाने की शर्त पर बताते हैं की पहले की पूरी प्रक्रिया को खारिज कर दिया गया है क्योंकि आयोजकों को “क़ाबिल” लोग नहीं मिले। अब गुरुदासपुर एनकाउंटर को लाइव दिखने वाली DD की क़ाबिल टीम से चंद विनम्र निवेदन ये हैं कि-
1.क्या पूर्व की प्रक्रिया के निर्धारण के समय आप को इस बात का पता नहीं था की इस प्रक्रिया के बाद आपको आपकी अहर्ता पर खरे लगभग 400 उम्मीदवारों में से तीन चरणों की परीक्षा के बाद भी 39 “नाकाबिल” लोगों के मिलने का अंदेशा है ? और क्या आप लोगों में ऐसी प्रक्रिया पहली ही बार में तय करने की योग्यता नहीं है जिससे आपको योग्य लोग मिल सकें।
2.हर चरण के दौरान आपने अभ्यर्थियों के नाम वेबसाइट पर भी डाले इससे अब 39 लोगों के ऊपर नाकाबिल होने की मोहर लगनी तय है और उनके साथ बाकी दुसरे अभ्यर्थियों के लिए पेशागत दूसरी समस्याएं भी पेश आएंगी इनकी भरपाई कैसे होगी?
3.एक transparent process को एक opaque process से replace कर इस बार आपको क़ाबिल लोग मिल ही जायेंगे इसकी गॅरेंटी किसकी है?
4.प्रधान मंत्री मोदी ने मन की बात के दौरान कहा की “गरीब वर्ग के लोगों के लिए हम साक्षात्कार हटा देंगे “ज़ाहिर है इससे उनका मतलब यही है की साक्षात्कार के दौरान होने वाले पक्षपात पर अंकुश लग सके और निचले तबके को मुख्यधारा में ला कर सबका विकास किया जा सके और वो कौन है जो प्रधानमंत्रीजी की मन की बात के उलट करना चाहता है?
5.क्या परीक्षा ख़ारिज करते हुए आपको ये आवश्यक नहीं लगा की आप नाक़ाबिलों को सूचित कर दें ताकि वो नतीजों की बाट जोहना बंद कर अपने वर्तमान संस्थान को सफाई देने में अपना वक़्त लगाएं?
6.एक औपचारिक परीक्षा को तीन चरणों के बाद अनौपचारिक रूप से ख़ारिज कर एक औपचारिक विज्ञापन का फिर लाया जाना किस तरह की मंशा दिखाता है?
7.क्या DD का ये कदम सरकारी नियुक्तियों में पक्षपात का आरोप लगाने वालों को और मौके नहीं दे देगा?

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