Yashwant Singh : संवेदनशील शराबियों से खासकर अनुरोध है कि इसे जरूर सुनें… हां, पटना और पूरब के शराबी विशेष ध्यान देकर सुनें… उनका जिक्र है इस फसाने में… ‘एक शराबी की सूक्तियां’ नाम से मशहूर लोकप्रिय कविता का पाठ इसके रचयिता कृष्ण कल्पित उर्फ कल्बे कबीर ने खुद किया है… युवाओं में बेहद लोकप्रिय ‘एक शराबी की सूक्तियां’ को जब मैंने पहली बार पढ़ा था तो इसका कायल हो गया… किसी से नंबर जुगाड़ कर इस कविता को रचने वाले कवि कृष्ण कल्पित जी को फोन किया और इस शानदार कविता के लिए बधाई दी…
कृष्ण कल्पित जी के साथ मिलने बैठने का प्रोग्राम कई वर्षों से बनता रहा लेकिन इसे संभव कराया साथी राहुल पांडेय ने… नीलाभ जी की अध्यक्षता में एक शाम जब कई सारे सीनियर जूनियर साथी साथ बैठे तो एक शराबी की सूक्तियां को पूरा सुने बिना हम लोग माने नहीं…
‘ek sharabi ki suktiyan’ को आप पहली बार यूट्यूब पर देख सुन रहे हैं, क्लिक करिए इस लिंक पर: https://www.youtube.com/watch?v=ZhV7ZqSJog0
‘ek sharabi ki suktiyan’ को रचने का का विचार दिल में कैसे आया, इस बारे में बताते कृष्ण कल्पित जी: https://www.youtube.com/watch?v=Zuyg7WH2KLg
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.