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प्रदेश सरकार फैजाबाद को फिर सांप्रदायिक हिंसा में झोकने पर आमादा  – रिहाई मंच

लखनऊ : रिहाई मंच ने फैजाबाद के मुगलपुरा मोहल्ले में स्थित मदनी मस्जिद में अराजक तत्वों द्वारा आग लगाने की घटना को एक बार फिर से फैजाबाद को 2012 की तरह सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोकने की साजिश का हिस्सा बताया है। मंच ने पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस तरीके से पुलिस अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई से बच रही है वह साबित करता है कि इस घटना के पीछे सांप्रदायिक राजनीति शामिल है जिसको पुलिस का संरक्षण है।

<p>लखनऊ : रिहाई मंच ने फैजाबाद के मुगलपुरा मोहल्ले में स्थित मदनी मस्जिद में अराजक तत्वों द्वारा आग लगाने की घटना को एक बार फिर से फैजाबाद को 2012 की तरह सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोकने की साजिश का हिस्सा बताया है। मंच ने पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस तरीके से पुलिस अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई से बच रही है वह साबित करता है कि इस घटना के पीछे सांप्रदायिक राजनीति शामिल है जिसको पुलिस का संरक्षण है।</p>

लखनऊ : रिहाई मंच ने फैजाबाद के मुगलपुरा मोहल्ले में स्थित मदनी मस्जिद में अराजक तत्वों द्वारा आग लगाने की घटना को एक बार फिर से फैजाबाद को 2012 की तरह सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोकने की साजिश का हिस्सा बताया है। मंच ने पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस तरीके से पुलिस अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई से बच रही है वह साबित करता है कि इस घटना के पीछे सांप्रदायिक राजनीति शामिल है जिसको पुलिस का संरक्षण है।

रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि फैजाबाद के मुगलपुरा में स्थित मदनी मस्जिद में आग लगने के बाद वहां के इमाम कारी बादशाह द्वारा फोन करने के बावजूद जिस तरीके से पुलिस ने लेट-लतीफी की और फायर ब्रिगेड को फोन करने के बावजूद वह आया तक नहीं और स्थानीय लोगों के प्रयास से आग पर काबू पाया गया वह साबित करता है कि पुलिस अराजक तत्वों को सिर्फ हर स्तर पर छूट ही नहीं बल्कि जितना संभव हो सके उकसा भी रही है। उन्होंने फैजाबाद पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि ठीक इसी तरह 2012 में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान जब मुसलमानों की दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया था तो वहां फायर ब्रिगेड की जो गाडि़यां थी उसमें न सिर्फ पानी नहीं रखा गया बल्कि 24 घंटे तक दुकानों के पूरा खाक होने तक उन्हें जलने दिया गया। उस वक्त भी ऐतिहासिक मस्जिद हसन रजा खां में सांप्रदायिक तत्वों ने आगजनी की थी। मंच के अध्यक्ष ने मदनी मस्जिद में आगजनी करने वाले अराजकतत्वों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। 

रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा कि जिस तरह पिछले दिनों बलिया के बेल्थरा रोड में पुलिस की मौजूदगी में हिन्दुत्ववादी अराजक तत्वों ने मस्जिद को आग लगाने व छतिग्रस्त करने की कोशिश की, मुस्लिम व्यवसायियों की दुकानों पर धावा बोला और पूरे कस्बे में लाठी डंडो से लैस होकर सांप्रदायिक नारे लगाए और जिस तरह गाजीपुर के बारा इलाके के नक्सर गांव में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश के करीबियों ने मुस्लिमों के घरों पर हमला किया उससे साफ है कि पूर्वांचल को सांप्रदायिक हिंसा में जलाने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि नक्सर गांव के मामले में पुलिस ने दंगाईयों के पक्ष में न सिर्फ मौन रही बल्कि कैबिनेट मंत्री के दबाव में झूठे मुकदमें बनाकर लोगों को फंसाने का भी काम किया है उससे सपा व भाजपा में कोई फर्क नहीं रह गया है। इस संभवना से इंकार नहीं किया जा सकता कि वहां मंत्री के सहयोग से कोई अनहोनी हो जाए। उन्होंने बताया कि बेल्थरा रोड में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर रिहाई मंच ने वहां जाकर तफ्तीश किया है और जल्द ही इस पर जांच रिपोर्ट लाई जाएगी।

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