Connect with us

Hi, what are you looking for?

सोशल मीडिया

नाथूराम गोडसे को अब आम राय से भारत का पहला आतंकवादी घोषित कर देना चाहिए

Dilip C Mandal : भारत में आतंकवाद की शुरुआत नाथूराम गोडसे की पिस्तौल की उन 3 गोलियों से हुई, जो उसने एक निहत्थे बूढ़े के सीने में उतार दी थी. पूरे राष्ट्र को एक स्वर से नाथूराम गोडसे को देश का “पहला आतंकवादी” करार देते हुए, उसकी भर्त्सना करना चाहिए. किसी भी देशभक्त को इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए. आरएसएस ने भी कहा दिया है कि उसका गोडसे से कोई लेना-देना नहीं है. नाथूराम का अपराध सिद्ध हुआ और उसे फांसी पर भी टांगा गया.

<p>Dilip C Mandal : भारत में आतंकवाद की शुरुआत नाथूराम गोडसे की पिस्तौल की उन 3 गोलियों से हुई, जो उसने एक निहत्थे बूढ़े के सीने में उतार दी थी. पूरे राष्ट्र को एक स्वर से नाथूराम गोडसे को देश का "पहला आतंकवादी" करार देते हुए, उसकी भर्त्सना करना चाहिए. किसी भी देशभक्त को इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए. आरएसएस ने भी कहा दिया है कि उसका गोडसे से कोई लेना-देना नहीं है. नाथूराम का अपराध सिद्ध हुआ और उसे फांसी पर भी टांगा गया.</p>

Dilip C Mandal : भारत में आतंकवाद की शुरुआत नाथूराम गोडसे की पिस्तौल की उन 3 गोलियों से हुई, जो उसने एक निहत्थे बूढ़े के सीने में उतार दी थी. पूरे राष्ट्र को एक स्वर से नाथूराम गोडसे को देश का “पहला आतंकवादी” करार देते हुए, उसकी भर्त्सना करना चाहिए. किसी भी देशभक्त को इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए. आरएसएस ने भी कहा दिया है कि उसका गोडसे से कोई लेना-देना नहीं है. नाथूराम का अपराध सिद्ध हुआ और उसे फांसी पर भी टांगा गया.

गोडसे के सामने विरोध जताने के तमाम रास्ते थे. वह लेख लिख सकता था, किताब लिख सकता था, देश भर में घूमकर भाषण दे सकता था, अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ सकता था, विरोध में गीत लिखता, नुक्कड़ नाटक करता. तमाम लोकतांत्रिक तरीके से गांधी और गांधीवाद को खारिज करने की कोशिश वह कर सकता था. लेकिन आप जानते हैं कि उस कायर ने क्या किया. इसलिए गोडसे आम राय से भारत का “पहला आतंकवादी” कहलाता है.

वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल के फेसबुक वॉल से.

You May Also Like

Uncategorized

मुंबई : लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में मुंबई सेशन कोर्ट ने फिल्‍म अभिनेता जॉन अब्राहम को 15 दिनों की जेल की सजा...

ये दुनिया

रामकृष्ण परमहंस को मरने के पहले गले का कैंसर हो गया। तो बड़ा कष्ट था। और बड़ा कष्ट था भोजन करने में, पानी भी...

ये दुनिया

बुद्ध ने कहा है, कि न कोई परमात्मा है, न कोई आकाश में बैठा हुआ नियंता है। तो साधक क्या करें? तो बुद्ध ने...

दुख-सुख

: बस में अश्लीलता के लाइव टेलीकास्ट को एन्जॉय कर रहे यात्रियों को यूं नसीहत दी उस पीड़ित लड़की ने : Sanjna Gupta :...

Advertisement