Ashwini Sharma : कठपुतली है लोकायुक्त? यूपी के लोकायुक्त एनके मल्होत्रा ने महज एक महीने के अंदर ही आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर की आय से अधिक संपत्ति को लेकर जांच पूरी कर ली है और सरकार से ईडी और सीबीआई जांच की सिफारिश तक कर दी… लेकिन इतनी जल्दी लोकायुक्त की जांच पूरी होने पर सवाल उठने लगे हैं…. सवाल उठ रहा है कि यूपी में मंत्रियों और नेताओं के खिलाफ सालों से फाइलों पर धूल पड़ी है… लेकिन उसकी जांच तक नहीं हो पा रही है… लेकिन सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह की धमकी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले अमिताभ ठाकुर को लेकर लोकायुक्त एन के मल्होत्रा ने बहुत त्वरित अंदाज में जांच पूरी की है…
लोकायुक्त की जांच पर राजनीतिक पार्टियां भी सवाल उठा रही हैं कि आखिर इस मामले में इतनी फूर्ति कैसे दिखाई गई जबकि सरकार के मंत्रियों और सत्ताधारी नेताओं के खिलाफ पिछले तीन सालों से लोकायुक्त ने किसी भी मामले में जांच पूरी नहीं की… लोकायुक्त पर आरोप है कि सरकार में मंत्री गायत्री प्रजापति, महबूब अली, नारद राय, ब्रम्हाशंकर त्रिपाठी जैसे कद्दावर मंत्रियों पर मेहबानी दिखाते रहे हैं… इन सभी के खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा भी पेश किया गया लेकिन लोकायुक्त की मेहरबानी के चलते या तो ज्यादार नेता बेदाग साबित हो गए या ज्यादातर के खिलाफ जांच से इनकार कर दिया गया… ऐसे में सवाल उठता है कि क्या लोकायुक्त सरकार के इशारे पर काम करता है… क्या लोकायुक्त सरकार की कठपुतली है… क्या सरकारी दबाव में लोकायुक्त काम करता है… क्या इसलिए लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर मनमानी कर अपने चहेते को बैठाने के लिए सरकार जद्दोजहद करती है ताकि जो भी उनके रास्ते में रोड़ा बने उसे लोकायुक्त के जरिए सबक सिखाया जा सके… सवाल गंभीर है और जवाब भी बनता है…
युवा टीवी जर्नलिस्ट अश्विनी शर्मा के फेसबुक वॉल से.