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लखनऊ का मीडिया सेंटर होगा वाईफाई जोन, मुख्य सचिव ने किया ऐलान

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने पत्रकारों की मांग पर मीडिया सेंटर को वाई फाई जोन बनाने की घोषणा की. पत्रकारों ने मुख्य सचिव को एक ज्ञापन सौपा जिसके बाद मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि इस ज्ञापन में ऐसी कोई बात नहीं है जिस पर सम्यक विचार के बाद सकारात्मक निर्णय न लिया जा सके. शासन जल्द ही इस ज्ञापन के बिन्दुओं पर फैसला करेगा. ज्ञापन देने वाले पत्रकारों ने बताया कि राज्य संपत्ति विभाग के मकानों में रहने वाले पत्रकारों के बढ़े किराये पर भी वार्ता की गयी है और जल्द ही यह निर्णय हो जायेगा. मुख्य सचिव से मिलने गए पत्रकारों ने अपने ज्ञापन में मांग की थी कि संजय गांधी पीजीआई में मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को निशुल्क ईलाज की सुविधा पूर्व की समिति की मांग पर शुरु कर दी गयी है. उक्त सुविधा के दायरे में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के आश्रित शामिल नही हैं. पत्रकार आपसे यह मांग करती है कि निशुल्क ईलाज के सुविधामान्यता प्राप्त पत्रकारों के आश्रितों को भी दी जाए. पत्रकार इस बाबत सात माह पूर्व इस आशय का मौखिक व लिखित अनुरोध कर चुके हैं.

<p>लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने पत्रकारों की मांग पर मीडिया सेंटर को वाई फाई जोन बनाने की घोषणा की. पत्रकारों ने मुख्य सचिव को एक ज्ञापन सौपा जिसके बाद मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि इस ज्ञापन में ऐसी कोई बात नहीं है जिस पर सम्यक विचार के बाद सकारात्मक निर्णय न लिया जा सके. शासन जल्द ही इस ज्ञापन के बिन्दुओं पर फैसला करेगा. ज्ञापन देने वाले पत्रकारों ने बताया कि राज्य संपत्ति विभाग के मकानों में रहने वाले पत्रकारों के बढ़े किराये पर भी वार्ता की गयी है और जल्द ही यह निर्णय हो जायेगा. मुख्य सचिव से मिलने गए पत्रकारों ने अपने ज्ञापन में मांग की थी कि संजय गांधी पीजीआई में मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को निशुल्क ईलाज की सुविधा पूर्व की समिति की मांग पर शुरु कर दी गयी है. उक्त सुविधा के दायरे में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के आश्रित शामिल नही हैं. पत्रकार आपसे यह मांग करती है कि निशुल्क ईलाज के सुविधामान्यता प्राप्त पत्रकारों के आश्रितों को भी दी जाए. पत्रकार इस बाबत सात माह पूर्व इस आशय का मौखिक व लिखित अनुरोध कर चुके हैं.</p>

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने पत्रकारों की मांग पर मीडिया सेंटर को वाई फाई जोन बनाने की घोषणा की. पत्रकारों ने मुख्य सचिव को एक ज्ञापन सौपा जिसके बाद मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि इस ज्ञापन में ऐसी कोई बात नहीं है जिस पर सम्यक विचार के बाद सकारात्मक निर्णय न लिया जा सके. शासन जल्द ही इस ज्ञापन के बिन्दुओं पर फैसला करेगा. ज्ञापन देने वाले पत्रकारों ने बताया कि राज्य संपत्ति विभाग के मकानों में रहने वाले पत्रकारों के बढ़े किराये पर भी वार्ता की गयी है और जल्द ही यह निर्णय हो जायेगा. मुख्य सचिव से मिलने गए पत्रकारों ने अपने ज्ञापन में मांग की थी कि संजय गांधी पीजीआई में मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को निशुल्क ईलाज की सुविधा पूर्व की समिति की मांग पर शुरु कर दी गयी है. उक्त सुविधा के दायरे में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के आश्रित शामिल नही हैं. पत्रकार आपसे यह मांग करती है कि निशुल्क ईलाज के सुविधामान्यता प्राप्त पत्रकारों के आश्रितों को भी दी जाए. पत्रकार इस बाबत सात माह पूर्व इस आशय का मौखिक व लिखित अनुरोध कर चुके हैं.

पत्रकारों की मांग है कि राज्य मान्यता प्राप्त पत्रकारों को अन्य राज्यों की तरह पेंशन, सामूहिक दुर्घटना बीमा, समूह बीमा, व मेडीक्लेम की सुविधा दी जाए. पत्रकारों ने जिन सात राज्यों में पत्रकारों को यह सुविधा जी रही है उससे संबंधित दस्तावेज शासन को उपलब्ध कराए हैं. कृपया इस प्रकरण पर जल्दी से जल्दी कारवाई की जाए. अपने ज्ञापन में पत्रकारों ने कहा है कि बीते दो दशक से राजधानी में पत्रकारों के लिए किसी नयी आवासीय योजना नही लायी गयी है. इस दौरान बड़ी तादाद में नए मान्यता प्राप्त पत्रकार बढ़े हैं. इन पत्रकारों को आवास की परेशानी से जूझना पड़ता है. पहले भी इस संदर्भ में एक मांग पत्र दे रखा है. हमारी मांग है कि मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जाए और पूर्व की शर्तों के मुताबिक मान्यता प्राप्त पत्रकारों को आवास आवंटित किए जाएं.

पत्रकारों की सुरक्षा के बारे में ज्ञापन में कहा गया है कि विगत दिनों में यह देखने में आया है कि पत्रकारों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं. असमाजिक तत्वों के हमले का शिकार पत्रकार बन रहे हैं. कार्यस्थल पर भी पत्रकारों को इस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. हमारी मांग है कि इस तरह के हमलों को रोकने के लिए सरकारएक पत्रकार सुरक्षा कानून बनाए और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्ती से कदम उठाए.

नए बन रहे मुख्यमंत्री कार्यालय में पत्रकारों के लिए मीडिया सेंटर का निर्माण किया जाए. इसके साथ ही वहां 800 लोगों के बैठने की सुविधा से युक्त एक कांफ्रेंस हाल का निर्माण किया जाए. वर्तमान में मान्यता प्राप्त पत्रकारों की संख्या 600 से अधिक हो चुकी है. नए मीडिया सेंटर में पत्रकारों के जलपान-भोजन के लिए उत्तर प्रदेश खान-पान निगम की ओर से एक कैंटीन खोली जाए. साथ ही वहां पत्रकारों के काम-काज की सुविधा के लिए 40 कंप्यूटर लगाकर इंटरनेट की सुविधा दी जाए. एनेक्सी मीडिया सेंटर को वाई-फाई जोन बनाया जाए जिससे पत्रकारों का काम-काज सुगमता से हो सके.

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