Chandan Srivastava : छोटा शकील ने टाइम्स ऑफ इंडिया को एक इंटरव्यू दिया है जिसमें एक तो ललित मोदी से पैसे के लेनदेन की बात कही है, दूसरी भारत सरकार को दाउद को गिरफ्तार करने की चुनौती दी गई है। अब सरकारें तो आईपीएल बंद कराने से रहीं और तो और पाकिस्तान के साथ शारजाह में मैच का प्लान बना डाला था। अनुराग ठाकुर कहते घूम रहे थे कि खेल को देशों के रिश्ते के बीच नहीं आना चाहिए। ये साला बॉलीवुड और क्रिकेट, ये दोनों किसी का भी दीन-ईमान डोला सकते हैं। shame on u anurag thakur. और आप भी, आईपीएल देखना छोङने वाले नहीं। जबकि आप भी अच्छी तरह जानते हो कि आईपीएल सिर्फ सट्टे का खेल है और इसकी काली कमाई का बङा हिस्सा आतंकी गतिविधियों में खर्च होता है।
वह भी छोङो यार, घर के नौजवान लङके की जासूसी कर लो आईपीएल के समय। यारबाज टाइप का होगा तो सट्टेबाजी में जरूर इंवॉल्व होता होगा। खैर, भाङ में जाओ मुझे क्या, जब खुद के घर में आग लगे तभी मानना गांव में आग लगी है। और जो अपना गांव फूंकने में कमी रह गई हो उसे पूरा करने के लिए भारत की सेक्युलर मीडिया है ही। जिसके लिए दाउद तो दाउद है लेकिन छोटा राजन ‘हिंदू डॉन’। टीओआई के पेज का स्क्रीन शॉट है साथ में।”
छोटा शकील ने टाइम्स ऑफ इंडिया को एक इंटरव्यू दिया है जिसमें एक तो ललित मोदी से पैसे के लेनदेन की बात कही है, दूसरी भारत सरकार को दाउद को गिरफ्तार करने की चुनौती दी गई है।
अब सरकारें तो आईपीएल बंद कराने से रहीं और तो और पाकिस्तान के साथ शारजाह में मैच का प्लान बना डाला था। अनुराग ठाकुर कहते घूम रहे थे कि खेल को देशों के रिश्ते के बीच नहीं आना चाहिए। ये साला बॉलीवुड और क्रिकेट, ये दोनों किसी का भी दीन-ईमान डोला सकते हैं। shame on u anurag thakur.
और आप भी, आईपीएल देखना छोड़ने वाले नहीं। जबकि आप भी अच्छी तरह जानते हो कि आईपीएल सिर्फ सट्टे का खेल है और इसकी काली कमाई का बङा हिस्सा आतंकी गतिविधियों में खर्च होता है। वह भी छोङो यार, घर के नौजवान लङके की जासूसी कर लो आईपीएल के समय। यारबाज टाइप का होगा तो सट्टेबाजी में जरूर इंवॉल्व होता होगा। खैर, भाङ में जाओ मुझे क्या, जब खुद के घर में आग लगे तभी मानना गांव में आग लगी है। और जो अपना गांव फूंकने में कमी रह गई हो उसे पूरा करने के लिए भारत की सेक्युलर मीडिया है ही। जिसके लिए दाउद तो दाउद है लेकिन छोटा राजन ‘हिंदू डॉन’। टीओआई के पेज का स्क्रीन शॉट है साथ में।
Vinod Sharma : A prominent English daily has run an interview with Chhota Shakeel of the Dawood-company. It’s an interesting Q&A. But the point is: if that’s legit journalism than what was wrong in Ved Pratap Vedic meeting Hafiz Sayed in Lahore?
पत्रकार चंदन श्रीवास्तव और विनोद शर्मा के फेसबुक वॉल से.