बरेली : यूपी के शाहजहांपुर में पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या में सपा सरकार के मंत्री के शामिल होने को लेकर काफी हल्ला मचा था। लेकिन अब दिवंगत जगेंद्र सिंह के बेटे के बयान ने ही इस पूरी थ्योरी को पलट दिया है। जगेंद्र के बेटे पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि उनके पिता ने खुद आत्महत्या की थी और वह नहीं चाहते कि इस पूरे मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को आदेश दे। अपने पुराने स्टैंड से पूरी तरह पलटते हुए पुष्पेंद्र ने आरोपी मंत्री राममूर्ति वर्मा को भी ‘क्लीन चिट’ दी है।
पुष्पेंद्र ने कहा कि उनके पिता को बरगलाया गया था और उन्हें साजिश का शिकार बनाया गया। जगेंद्र सिंह ने मौत से पहले अस्पताल के बिस्तर पर मजिस्ट्रेट के सामने यह बयान दिया था कि मंत्री राममूर्ति वर्मा की ओर से भेजे गए पुलिस वालों ने उन्हें जिंदा जलाने का प्रयास किया था। जगेंद्र ने आरोप लगाया था कि फेसबुक पर उनकी ओर से राममूर्ति के खिलाफ लिखे गए पोस्ट के खिलाफ उन पर हमला किया गया था। जिसमें उन्होंने मंत्री पर भ्रष्टाचार और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। राममूर्ति वर्मा अखिलेश सरकार में पिछड़ा वर्ग विकास मंत्री हैं। करीब एक सप्ताह पहले वर्मा पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला भी यह कहते हुए पलट गई थी कि उसे इस तरह के आरोप लगाने के लिए पत्रकार जगेंद्र ने उकसाया था। गौरतलब है कि 22 जून को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जगेंद्र सिंह के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें 30 लाख रुपये की राशि और परिवार के दो लोगों को नौकरी दिए जाने का वादा किया था।