Kumar Sauvir : कानपुर कांड ने साबित कर दिया नेता-पुलिस का चराचर सम्बन्ध… विधायक इरफान सोलंकी टीम ने दारोगा को सरेआम कूटा‚ बड़ा दारोगा खामोश… दोनों मिल कर पहले निरीह जनता को‚ फिर एक–दूसरे को चर डालते हैं… तो अब यह तय हो ही गया है कि पुलिस और नेता के बीच चरा-चर सम्बन्ध है। ठीक वैसे ही‚ जैसे सांप-संपोले में होते हैं। यह दोनों की एकसमान खासियत होती है। यह दोनों ही मिल कर जनता को चर जाते हैं।जैसे भी मौका मिलेगा‚ यह जनता को डंस लेंगे। कोई भी मौका नहीं छाेडते डंसने का।
लेकिन जैसे ही यह लोग एक–दूसरे के आमने–सामने पड़ते हैं‚ एक–दूसरे को डंस लेते हैं। इतना ही नहीं‚ उनके हाकिम भी इसी चक्कर में रहते हैं कि इन दोनों के बीच अगर किसी में कोई कमजोरी दिख जाए‚ तो कमजोर को पटक कर डंस लिया जाए। कानपुर में यही हुआ। सपा विधायक इरफान सोलंकी के भाई ने भी सत्ता की हनक में सरेआम पुलिस पर दादागीरी दिखा दी। सावन के अंतिम सोमवार पर जाजमऊ में मंदिर मार्ग पर एक दरोगा ने बैरीकेडिंग पर उनकी कार रोकी तो इस हिमाकत पर तमतमाए विधायक के भाई ने अपने साथी के साथ मिलकर दरोगा की बुरी तरह धुनाई कर दी। रगेद–रगेद कर घसीटा‚ वर्दी फाड़ी‚ बिल्ले नोच डाले और सर्विस रिवाल्वर छीनने का प्रयास किया।
बाद में पीड़ित ने चकेरी थाने में आरोपियों के खिलाफ नामजद तहरीर दी है। रात तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था। कानपुर के बड़े दारोगा शलभ माथुर का कहना है कि दरोगा से मारपीट की सूचना मिली है। दरोगा की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। मतलब यह कि पुलिस अपने स्तर पर कोई भी नहीं करेगी। तीन साल पहले लखनऊ में भी यही हो चुका है‚ जब सरोजनी नगर थाने में सामने एक ढाबे पर लखनऊ केबड़बोले पत्रकार हेमन्त तिवारी और उनके गुण्डों ने सरोजनी नगर थाने के में थानाध्यक्ष को नशे में जम कर मारा व घसीटा‚ बिल्ले छीने थे। बाद में जब हेमंत तिवारी को दबोचने के लिए क्षेत्राधारी मौके पर गया तो तब तक हेमंत के हमप्याला पूर्व डीजी पुलिस एके जैन ने कर्मठ सीओ को सस्पेंड कर उसे गैर जिले में भेज दिया था। तो चलते चलते, आपको बता दें कि इरफान सोलंकी के इशारे पर ही डेढ साल पहले कानपुर के बड़े दारोगा यशस्वी यादव ने अपना पूरा पुलिस महकमा लेकर मेडिकल कालेज में छात्रों‚ डॉक्टरों और मरीजों को बुरी तरह पीटा थाǃ
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार कुमार सौवीर की रिपोर्ट.