Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रदेश

यूपी में पुलिस वाले पैसे लेकर यूं छोड़ देते हैं मवेशी लदे ट्रक (देखें वीडियो)

कौशाम्बी : एक तरफ प्रदेश पुलिस के मुखिया अपने आला अधिकारियों को भेजे पत्र में यह फरमान जारी करते हैं कि प्रतिबंधित मवेशी की तस्करी करने वाले तस्करों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए तो दूसरी तरफ उन्हीं के पुलिसकर्मी प्रतिबंधित मवेशी से लदी गाड़ियों से अवैध वसूली कर बेजुबान मवेशी को कत्लखाने तक भिजवाने का रास्ता दिखाते हैं। यह वो पुलिस कर्मी हैं जिन्हें अपने आला अफसरों का भी खौफ नहीं है। ये बेखौफ होकर अपने आला अधिकारियों के दिशा निर्देशों की परवाह न करते हुए रात्रि में बेजुबान मवेशी से लदी गाड़ियों से अवैध वसूली करते हैं। इससे समझ में आता है कि हाथी के दांत दिखाने व खाने के अलग-अलग हैं। ये पैसा बड़े अफसरों के बीच भी बंटता है, ये प्रतीत होता है। नीचे दिए गए वीडियो लिंक पर क्लिक करके देखिए। इसमें दिखेगा कि मंझनपुर कोतवाली की पुलिस अपनी सरकारी जीप से जिला अस्पताल के पास प्रतिबंधित मवेशी से लदे कैंटेनर व ट्रक से अवैध वसूली कर गाड़ियां पास करा रही हैं। उनकी यह करतूत कैमरे में कैद हो चुकी है। पर इनके खिलाफ एक्शन न होना भी यह बताता है कि पैसे बड़े अफसरों से लेकर बड़े नेताओं तक पहुंचते हैं और सबकी समवेत खामोशी इसी कारण है।

<p>कौशाम्बी : एक तरफ प्रदेश पुलिस के मुखिया अपने आला अधिकारियों को भेजे पत्र में यह फरमान जारी करते हैं कि प्रतिबंधित मवेशी की तस्करी करने वाले तस्करों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए तो दूसरी तरफ उन्हीं के पुलिसकर्मी प्रतिबंधित मवेशी से लदी गाड़ियों से अवैध वसूली कर बेजुबान मवेशी को कत्लखाने तक भिजवाने का रास्ता दिखाते हैं। यह वो पुलिस कर्मी हैं जिन्हें अपने आला अफसरों का भी खौफ नहीं है। ये बेखौफ होकर अपने आला अधिकारियों के दिशा निर्देशों की परवाह न करते हुए रात्रि में बेजुबान मवेशी से लदी गाड़ियों से अवैध वसूली करते हैं। इससे समझ में आता है कि हाथी के दांत दिखाने व खाने के अलग-अलग हैं। ये पैसा बड़े अफसरों के बीच भी बंटता है, ये प्रतीत होता है। नीचे दिए गए वीडियो लिंक पर क्लिक करके देखिए। इसमें दिखेगा कि मंझनपुर कोतवाली की पुलिस अपनी सरकारी जीप से जिला अस्पताल के पास प्रतिबंधित मवेशी से लदे कैंटेनर व ट्रक से अवैध वसूली कर गाड़ियां पास करा रही हैं। उनकी यह करतूत कैमरे में कैद हो चुकी है। पर इनके खिलाफ एक्शन न होना भी यह बताता है कि पैसे बड़े अफसरों से लेकर बड़े नेताओं तक पहुंचते हैं और सबकी समवेत खामोशी इसी कारण है।</p>

कौशाम्बी : एक तरफ प्रदेश पुलिस के मुखिया अपने आला अधिकारियों को भेजे पत्र में यह फरमान जारी करते हैं कि प्रतिबंधित मवेशी की तस्करी करने वाले तस्करों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए तो दूसरी तरफ उन्हीं के पुलिसकर्मी प्रतिबंधित मवेशी से लदी गाड़ियों से अवैध वसूली कर बेजुबान मवेशी को कत्लखाने तक भिजवाने का रास्ता दिखाते हैं। यह वो पुलिस कर्मी हैं जिन्हें अपने आला अफसरों का भी खौफ नहीं है। ये बेखौफ होकर अपने आला अधिकारियों के दिशा निर्देशों की परवाह न करते हुए रात्रि में बेजुबान मवेशी से लदी गाड़ियों से अवैध वसूली करते हैं। इससे समझ में आता है कि हाथी के दांत दिखाने व खाने के अलग-अलग हैं। ये पैसा बड़े अफसरों के बीच भी बंटता है, ये प्रतीत होता है। नीचे दिए गए वीडियो लिंक पर क्लिक करके देखिए। इसमें दिखेगा कि मंझनपुर कोतवाली की पुलिस अपनी सरकारी जीप से जिला अस्पताल के पास प्रतिबंधित मवेशी से लदे कैंटेनर व ट्रक से अवैध वसूली कर गाड़ियां पास करा रही हैं। उनकी यह करतूत कैमरे में कैद हो चुकी है। पर इनके खिलाफ एक्शन न होना भी यह बताता है कि पैसे बड़े अफसरों से लेकर बड़े नेताओं तक पहुंचते हैं और सबकी समवेत खामोशी इसी कारण है।

पशु तस्करी के दौरान पुलिस वालों के पैसे लेने की बात जैसे ही पुलिस के बड़े अधिकारियों तक पहुंची तो महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस अधिकारी जांच उपरांत कार्यवाही की बात करते हैं। पर क्या व कैसी जांच होगी, व कब कार्रवाई होगी, ये हम सब जानते हैं। सब कुछ कागजों पर लीपपोत दिया जाएगा। अर्से से दोआबा में बेजुबान मवेशियों की तस्करी हो रही है जिसमें कही न कहीं पुलिस की संलिप्ता पायी जाती है। इन दिनों चित्रकूट व बांदा जनपद के कुख्यात पशु तस्करों द्वारा कौशाम्बी पुलिस के मिली भगत के चलते बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित मवेशी को कैंटेनर व ट्रक में लाद गैर प्रान्त को भेजते हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो बेजुबानों की तस्करी करने वाले तस्कर थाना पुलिस को प्रति गाड़ी के दर से दस हजार रुपये देते हैं। इसी लिए कौशाम्बी की पुलिस अवैध वसूली कर इन प्रतिबंधित मवेशियों को कत्लखाने तक भेजवाने का रास्ता दिखाने में सहयोग करती है। कौशाम्बी के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रहे सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने अपने कार्यकाल में पशु तस्करो के विरुद्ध एक सूत्रीय अभियान चला के बड़े पैमाने पर कार्यवाही की थी। इस कार्यवाही की चपेट में कई राजनैतिक दल के नेता भी चढे थे जो पार्टी के आड़ से पशु तस्करी का कारोबार करते थे। उनके स्थान्तरण के बाद से फिर से यह कारोबार अपने चरम सीमा पर है।

पैसे लेकर पशु तस्करी कराने वाली कौशांबी पुलिस का चेहरा देखने के लिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें: https://www.youtube.com/watch?v=qCC_VoE-s7o

कौशांबी से डीएस यादव की रिपोर्ट.

You May Also Like

Uncategorized

मुंबई : लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में मुंबई सेशन कोर्ट ने फिल्‍म अभिनेता जॉन अब्राहम को 15 दिनों की जेल की सजा...

ये दुनिया

रामकृष्ण परमहंस को मरने के पहले गले का कैंसर हो गया। तो बड़ा कष्ट था। और बड़ा कष्ट था भोजन करने में, पानी भी...

ये दुनिया

बुद्ध ने कहा है, कि न कोई परमात्मा है, न कोई आकाश में बैठा हुआ नियंता है। तो साधक क्या करें? तो बुद्ध ने...

दुख-सुख

: बस में अश्लीलता के लाइव टेलीकास्ट को एन्जॉय कर रहे यात्रियों को यूं नसीहत दी उस पीड़ित लड़की ने : Sanjna Gupta :...

Advertisement