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फर्जी डिग्री धारी तोमर और पत्नी पीड़क भारती के बूते राजनीति बदलेंगे केजरी!

Dayanand Pandey : दिल्ली सरकार के क़ानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने फ़र्जी डिग्री के आरोप में इस्तीफ़ा तो दे दिया पर आम आदमी पार्टी को पूरी तरह झुलसा कर। काश कि अरविंद केजरीवाल ने उन्हें अपने मंत्री परिषद से समय रहते ही रास्ता दिखा दिया होता तो राजनीतिक शुचिता जो अब दुर्लभ हो गई है , कुछ तो शेष रहती। पर अभी तो मनीष सिसोदिया और आशुतोष जैसे मूर्ख इमरजेंसी जैसे हालात बताने की बेशर्मी पर आमादा हो गए हैं। अरविंद केजरीवाल और उन की टीम की यह अराजकता उन्हें कहीं का नहीं छोड़ेगी , यह बात उन्हें समय रहते जान ही लेना चाहिए।

<p>Dayanand Pandey : दिल्ली सरकार के क़ानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने फ़र्जी डिग्री के आरोप में इस्तीफ़ा तो दे दिया पर आम आदमी पार्टी को पूरी तरह झुलसा कर। काश कि अरविंद केजरीवाल ने उन्हें अपने मंत्री परिषद से समय रहते ही रास्ता दिखा दिया होता तो राजनीतिक शुचिता जो अब दुर्लभ हो गई है , कुछ तो शेष रहती। पर अभी तो मनीष सिसोदिया और आशुतोष जैसे मूर्ख इमरजेंसी जैसे हालात बताने की बेशर्मी पर आमादा हो गए हैं। अरविंद केजरीवाल और उन की टीम की यह अराजकता उन्हें कहीं का नहीं छोड़ेगी , यह बात उन्हें समय रहते जान ही लेना चाहिए।</p>

Dayanand Pandey : दिल्ली सरकार के क़ानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने फ़र्जी डिग्री के आरोप में इस्तीफ़ा तो दे दिया पर आम आदमी पार्टी को पूरी तरह झुलसा कर। काश कि अरविंद केजरीवाल ने उन्हें अपने मंत्री परिषद से समय रहते ही रास्ता दिखा दिया होता तो राजनीतिक शुचिता जो अब दुर्लभ हो गई है , कुछ तो शेष रहती। पर अभी तो मनीष सिसोदिया और आशुतोष जैसे मूर्ख इमरजेंसी जैसे हालात बताने की बेशर्मी पर आमादा हो गए हैं। अरविंद केजरीवाल और उन की टीम की यह अराजकता उन्हें कहीं का नहीं छोड़ेगी , यह बात उन्हें समय रहते जान ही लेना चाहिए।

 

मिस्टर अरविंद केजरीवाल बताइए भला देश की राजनीति बदलने का दावा इन्हीं फर्जी डिग्री धारी जितेंद्र तोमर और इन्हीं पत्नी पीड़क सोमनाथ भारती के बूते? प्रशांत भूषण , योगेंद्र यादव, आनंद कुमार जैसे पढ़े-लिखे लोगों से सफोकेशन हो रहा था। और इन चार सौ बीसों से आराम! अभी कुमार विश्वास जैसे औरतबाजों और आशुतोष जैसे दल्ला पत्रकारों की खैर खबर और इन का खोल से निकलना शेष है लेकिन। बताइए एक चार सौ बीस को जब पुलिस ने धर लिया तो यह लोग कहने लगे इमरजेंसी जैसे हालात हैं। अभी इस राजनीति के बदलने की करवटें और भी हैं जो बस सामने आने ही वाली हैं। आहिस्ता-आहिस्ता ही सही रुख से नकाब उठ रही है!

लखनऊ के वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार दयानंद पांडेय के फेसबुक वॉल से.

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