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पेनलेस पत्रकारिता के दौर में आधुनिक तकनीक से क्षेत्रीय पत्रकारों को लैस होने की जरूरत

आजमगढ़ । भूमण्डलीकरण के इस दौर में पत्रकारिता के क्षेत्र में नए तरीकें की चुनौतियां सामने आई है। क्षेत्रीय पत्रकारों को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार होने की जरूरत है। क्षेत्रीय पत्रकारों से आमजन की आवाज को राष्ट्रीय मंच मिलता है। यह बातें बतौर मुख्य अतिथि चैधरी चरण सिंह पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार डा0 सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने मंगलवार को तमसा प्रेस क्लब आजमगढ़ में आयोजित पत्रकारिता और उसकी वर्तमान चुनौतियां विषयक संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह में कहीं। उन्होंने कहा कि तकनीक ने पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुत बदलाव किये हैं। पेनलेस पत्रकारिता के दौर में आधुनिक तकनीकों से पत्रकारों को लैस होने की जरूरत है। तभी वह आधुनिक चुनौतियों का सामना कर पायेंगे।

<p>आजमगढ़ । भूमण्डलीकरण के इस दौर में पत्रकारिता के क्षेत्र में नए तरीकें की चुनौतियां सामने आई है। क्षेत्रीय पत्रकारों को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार होने की जरूरत है। क्षेत्रीय पत्रकारों से आमजन की आवाज को राष्ट्रीय मंच मिलता है। यह बातें बतौर मुख्य अतिथि चैधरी चरण सिंह पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार डा0 सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने मंगलवार को तमसा प्रेस क्लब आजमगढ़ में आयोजित पत्रकारिता और उसकी वर्तमान चुनौतियां विषयक संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह में कहीं। उन्होंने कहा कि तकनीक ने पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुत बदलाव किये हैं। पेनलेस पत्रकारिता के दौर में आधुनिक तकनीकों से पत्रकारों को लैस होने की जरूरत है। तभी वह आधुनिक चुनौतियों का सामना कर पायेंगे।</p>

आजमगढ़ । भूमण्डलीकरण के इस दौर में पत्रकारिता के क्षेत्र में नए तरीकें की चुनौतियां सामने आई है। क्षेत्रीय पत्रकारों को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार होने की जरूरत है। क्षेत्रीय पत्रकारों से आमजन की आवाज को राष्ट्रीय मंच मिलता है। यह बातें बतौर मुख्य अतिथि चैधरी चरण सिंह पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार डा0 सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने मंगलवार को तमसा प्रेस क्लब आजमगढ़ में आयोजित पत्रकारिता और उसकी वर्तमान चुनौतियां विषयक संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह में कहीं। उन्होंने कहा कि तकनीक ने पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुत बदलाव किये हैं। पेनलेस पत्रकारिता के दौर में आधुनिक तकनीकों से पत्रकारों को लैस होने की जरूरत है। तभी वह आधुनिक चुनौतियों का सामना कर पायेंगे।

कृषि पत्रकारिता पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में हो रहे नवाचार और शोधों को किसानों तक पहुंचाने में पत्रकार बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। अध्यक्षीय सम्बोधन में विधायक आलम बदी आजमी ने कहा कि जिस तरीके से समाज बटा है उसी तरीके से आज पत्रकारिता भी बट गयी है। जब तक पत्रकार एक दृष्टि से पूरे समाज और उसकी समस्याओं को नहीं देखेगें तब-तक घूटन भरें माहौल से निजात नहीं मिलेगी। बतौर विशिष्ट अतिथि समाजवादी चिंतक विजय बहादुर राय ने कहा कि समाचार पत्रों से जो जुड़ाव आमजन का रहा है। उसे बरकरार रखना पत्रकारिता से जुड़े लोगों की सबसे बड़ी चुनौती है। आज के दौर में इस पर चिंतन की जरूरत है। वामपंथी विचारक जय प्रकाश नाराण ने स्वतंत्रता पूर्व से लेकर वर्तमान दौर की पत्रकारिता पर अपनी बात रखीं। उन्होंने कहा कि सबकी बात उठाने वाला पत्रकार अपनी ही बात नहीं उठा पाता।

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर के पत्रकारिता विभाग के प्राध्यापक डा0 दिग्विजय सिंह राठौर ने कहा कि आज पत्रकारों को बहुत से दबावों के बीच काम करना पड़ रहा है। ऐसे में खबरों के संकलन से लेकर प्रेषण तक में विश्वसनीयत को बरकरार रखने की जरूरत है। संगोष्ठी में अशोक वर्मा, ज्ञान प्रकाश दूबे, अभिषेक जायसवाल, वीरभद्र सिंह, शिवानन्द सिंह, मैकस आजमी आदि ने अपनी बात रखी। संचालन संगोष्ठी के संयोजक विजय कुमार देवव्रत ने किया। संगोष्ठी के पहले वरिष्ठ पत्रकार डा0 सुरेन्द्र प्रसाद सिंह को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रभु नारायण प्रेमी, एसके सत्येन, इफ्तेखार खान, अजय सिंह, राम सिंह यादव, अश्वनी यादव, असलम जामाली, नन्दलाल यादव, श्याम बिहारी श्रीवास्तव, मनोज जायसवाल समेत आदि लोग उपस्थित रहे।

विजय कुमार देवव्रत
संयोजक संगोष्ठी  

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