बिहार में विधान सभा के चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद जी पुरवैया की नाव बीच मंझधार में हिचकोले लेने लगी है वजह चुनावी मौसम है अपनी-अपनी जेबे भरनी है। अंदरुनी खबर यह है कि, जी पुरवैया अंदरखाने में दो खेमो में बंटा हुआ है। एक खेमे का नेतृत्व चैनल हेड शिवपूजन झा कर रहे हैं, तो दूसरे खेमे का नेतृत्व ज़ी न्यूज़ नेशनल के ब्यूरो चीफ ब्रजेश मिश्रा कर रहे हैं। दोनों खेमे एक दूसरे को नीचे दिखाने और एक दूसरे की टांग खीचने में लगे हुए है… खेमे बंटना लाजिमी है विधानसभा का चुनाव हर पांच साल में आता है जाहिर सी बात है, पैसा दोनों को कमाना है कोई मौका क्यों गवाए? कोई बात नहीं चुनावी त्यौहार के मौसम में दोनों खेमे चुनावी विज्ञापन के बहाने अपने-अपने सूत्रों की मदद से अपनी-अपनी जेबें गर्म करने में जुटे हैं जी मीडिया की साख को दांव पर रख कर।
इन दोनों खेमों के खींचतान का ख़ामियाजा जी मीडिया को उठाना पड़ा। अभी हाल में ही सभी नेशनल चैनल ने पटना में विधानसभा चुनाव पर कॉन्क्लेव का आयोजन किया। जिसमें बिहार के सभी दिग्गज सभी चैनलों में आये, जी मीडिया ने भी कॉन्क्लेव की तैयारी कर रखी थी। लेकिन बिहार की राजनीति के टी.आर.पी. मटीरियल नितीश कुमार और लालू यादव ने ज़ी मीडिया को इसके लिए समय नहीं दिया और आखिरकार जी मीडिया को कार्यक्रम रद्द करना पड़ा जो अपने आप में काफी चौकाने वाली बात है। जी मीडिया के कोहिनूर और जी पुरवैया के चैनल हेड शिवपूजन झा और जी न्यूज़ पटना में लम्बे समय से काम कर रहे ब्रजेश मिश्रा जैसे दिग्गज पत्रकार दोनों नेताओं को अपने चैनल में नहीं ला पाये जो काफी शर्मनाक है चाहे मामला जो भी हो….
जी न्यूज़ नेशनल का झुकाव तो एक पार्टी की तरफ है जगजाहिर है। लेकिन वही जी पुरवैया का झुकाव एक ख़ास पार्टी की तरफ ज्यादा है जो आपसी खीचतान की वजह से दोनों खेमो में एक दूसरे को शह-मात की देने पर उतारू हैं। इस वजह से जी मीडिया का रीजनल चैनल जी पुरवैया बिहार और झारखण्ड में अपनी पहचान और शाख नहीं बना पा रहा है। जिसका उदहारण यह है कि झारखण्ड चुनाव के समय जे.एम.एम. से बहुत बड़ा विज्ञापन का पैसा आया था। जिसके बाद अभी पिछले महीने शिवपूजन झा रांची गए थे, हेमंत सोरेन से चुनावी विज्ञापन के बकाये पैसे की उगाही करने… रांची के फाइव स्टार होटल में ठहरे काफी कोशिश करने के बाद हेमंत सोरेन से मिलने के लिए समय माँगा। लेकिन हेमंत सोरेन ने आइना दिखा दिया शिवपूजन झा बैरंग रांची से पटना लौटे और अब बिहार विधान सभा चुनाव में दो क्षेत्रीय चैनल (ईटीवी और कशिश न्यूज़ ) के मुकाबले चुनावी विज्ञापन लाने में पसीने छूट रहे हैं। चैनल दो खेमो में बंट जाने के कारण अभी तक अपना टारगेट (सालाना रेवेन्यू ) भी पूरा नहीं कर पाया है अब देखना है बिहार के विधान सभा चुनाव में क्या गुला खिलाता है जी पुरवैया ………..अब भगवान बचाये जी पुरवैया को