उत्तर-प्रदेश: उत्तर प्रदेश में धान की सरकारी खरीद शुरू न होने से किसान बेहाल हैं और मंडियों में व्यापारियों के हाथों लुटने के लिए मजबूर है। यह बात पूर्व आईजी एवं ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस.आर. दारापुरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कही है। उन्होंने इस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले महीने घोषणा की थी, कि 1 अक्तूबर से पूरे प्रदेश में धान की खरीद के लिए सरकारी धान क्रय केन्द्रों की स्थापना हो जाएगी और परन्तु आज तक पूरे प्रदेश में एक भी धान क्रय केंद्र स्थापित नहीं हुआ है। जबकि धान की कटाई शुरू हो चुकी है। सरकारी खरीद के अभाव में किसान धान को मंडी में ले जा कर बेचने के लिए मजबूर हैं जहां उन्हें लुटा जा रहा है। एक तरफ जहां सरकार ने धान का क्रय मूल्य1400 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया हुआ है, वहीँ मंडियों में व्यापारी उसे 900 रुपए में खरीद रहे हैं। इस प्रकार सरकार की निष्क्रियता से किसानों को 500 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
श्री दारापुरी ने आगे बताया की एक तरफ जहाँ बारिश बहुत कम होने के कारण धान और गन्ने की फसल का बहुत नुकसान हुआ है। वहीँ सरकार की उदासीनता के कारण किसानों को धान का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार धान की खरीद के लिए तुरंत क्रय-केंद्र स्थापित नहीं करती है, तो इस के विरुद्ध किसानों को लामबंद करके जनांदोलन शुरू किया जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने मांग की कम वर्षा के कारण धान व् गन्ने की फसल बर्बाद होने के कारण सर्वे करवा कर किसानों को उचित मुआवज़ा भी दिया जाये। इस सम्बन्ध में मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश को एक ज्ञापन भी भेजा जा रहा है।
एस.आर. दारापुरी,
राष्ट्रीय प्रवक्ता, आइपीएफ