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नेपाली राजदूत ने भारत को चेताया ‘चीन की तरफ जाने को विवश न करे भारत’

भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने एक एजेंसी को दिए अपने एक इंटरव्‍यू में कहा,  अगर आप हमें मजबूर करेंगे या जैसा कि आप कहते हैं ‘मरता क्या ना करता’ तो हम दूसरे देशों से संपर्क करने को विवश हो जाएंगे। उन्‍होंने साथ ही कहा, कई तरह की दिक्‍कतों के बावजूद अगर कोई विकल्प नहीं बचता तो नेपाल चीन सहित अन्य देशों से संपर्क करेगा।

<p>भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने एक एजेंसी को दिए अपने एक इंटरव्‍यू में कहा,  अगर आप हमें मजबूर करेंगे या जैसा कि आप कहते हैं 'मरता क्या ना करता' तो हम दूसरे देशों से संपर्क करने को विवश हो जाएंगे। उन्‍होंने साथ ही कहा, कई तरह की दिक्‍कतों के बावजूद अगर कोई विकल्प नहीं बचता तो नेपाल चीन सहित अन्य देशों से संपर्क करेगा।</p>

भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने एक एजेंसी को दिए अपने एक इंटरव्‍यू में कहा,  अगर आप हमें मजबूर करेंगे या जैसा कि आप कहते हैं ‘मरता क्या ना करता’ तो हम दूसरे देशों से संपर्क करने को विवश हो जाएंगे। उन्‍होंने साथ ही कहा, कई तरह की दिक्‍कतों के बावजूद अगर कोई विकल्प नहीं बचता तो नेपाल चीन सहित अन्य देशों से संपर्क करेगा।

उपाध्याय ने कहा कि नेपाल जरूरी सामान की आपूर्ति में आ रही बाधा पर भारत को अपनी चिंताओं से अवगत करा चुका है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि भारत सरकार मामले को जल्द सुलझा लेगी, खासकर यह देखते हुए कि हिमालयी देश में दशहरा और दिवाली जैसे त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाये जाते हैं। हाल में हुए भारत विरोधी प्रदर्शनों पर उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा, भारत ने जब भूंकप संकट के समय नेपाल की मदद की थी तब नेपाल में हर किसी ने उनकी प्रशंसा की और उनका शुक्रिया अदा किया था। लेकिन जब आपूर्ति में बाधा आएगी तो लोग प्रतिक्रिया देंगे और प्रदर्शन करेंगे, यह स्वाभाविक है। खबरों के मुताबिक दवाई, गैसोलीन, रसोई ईंधन एवं उत्पाद सहित अन्य सामानों के साथ सैकड़ों ट्रक सीमा पर इंतजार में खड़े हैं।
 भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है कि उसने नेपाल को आपूर्ति में किसी तरह का अवरोध डाला है और उल्लेख किया है कि उनके देश में विरोध प्रदर्शन और अशांति से दिक्कतें आ रही है क्योंकि भारतीय कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों को अपनी हिफाजत और सुरक्षा का डर है। बहरहाल, नेपाली दूत ने कहा कि उनकी सरकार ने भारत को आश्वासन दिया है कि नेपाल में प्रवेश करने पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि नेपाल सरकार की किसी भी भूल से पैदा हुई नकारात्मकता को भारत भूल जाए और सकारात्मक तरीके से आगे बढ़े जो कि दोनों देशों के लिए लाभकारी रहेगा क्योंकि दोनों देशों का मजबूत सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध है।

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