सिवनी (मध्य प्रदेश) : गत दिवस भी चंडिका अखबार के नाम से एक युवक को रंगे हाथों दबोचा गया जिसने अपना नाम संजय दीक्षित बताया। इस युवक ने पहले तो अपने अखबार का नाम चंडिका बताया। जब उससे कड़ाई से पूछा गया तो वह नागपुर से प्रकाशित होने वाले विदर्भ चंडिका का नाम बताने लगा। सिवनी के एक जागरूक पत्रकार ने युवक की बात काटते हुए सीधे विर्दभ चंडिका नागपुर के कार्यालय में फोन कर दिया जहां पता चला कि सिवनी में उनका फिलहाल कोई संवाददाता नहीं है।
युवक दिखने में लाचार और मजबूर नजर आ रहा था जिसके चलते उसे समझाईश देकर छोड़ दिया गया। इससे पहले भी यह युवक कुछ सरकारी विभागों में वसूली करते देखा गया था तब भी इसकी शिकायत जनसंपर्क कार्यालय में की गई थी लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ने इस ओर ध्यान हीं नहीं दिया। खैर, यह तो था एक युवक का कारनामा, जबकि नगर में अवैध वसूली करने वाले तथाकथित पत्रकारों का एक गिरोह घूम रहा है जो नये-नये अखबारों का नाम बताकर खबर प्रकाशन की धौंस देकर धनउगाही करता है।
कुछ ऐसे भी फर्जी पत्रकार है जो पत्रकारिता की आड़ मे गैरकानूनी कार्य करते हैं जिससे वास्तविक पत्रकारों की छवि धूमिल हो रही है। अब लोग तो पत्रकारों को खुले रूप से ब्लेकमेलर कहने से भी नहीं चूक रहे। बहरहाल जिले के जनसंपर्क विभाग का यह दायित्व है कि वह ऐसे तथाकथित पत्रकारों को चिन्हित कर उनकी एफआईआर करायें ताकि नगर में स्वच्छ पत्रकारिता का वातावरण बन सके।
अखिलेश दुबे की रिपोर्ट.