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जेएनयू कांड में सत्ता को प्रसन्न करने में रहे पुलिस अफसर : अमिताभ ठाकुर

यूपी के आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर का कहना है कि जेएनयू कांड में पुलिस अफसरों ने यह बात पुनः स्थापित किया है कि लगभग हर संवेदनशील मामले में उनकी भूमिका पक्षपातपूर्ण होती है और वे हमेशा अपने आप को उस समय के ताकतवर लोगों के साथ खड़ा दिखाने का प्रयास करते हैं. यदि ऐसा नहीं होता तो दिल्ली पुलिस के वही अफसर, जो कन्हैया कुमार को अपनी बात कहने का अवसर दिए बिना, पकड़ने में इतने सजग रहे, वे मीडियाकर्मियों, कन्हैया कुमार और अन्य विपरीत समूह के लोगों के पिटते समय इतने सहज भाव से नहीं रह पाते. अमिताभ ने कहा कि पुलिस अफसरों का सत्ता के करीब लोगों को प्रसन्न करने का चरित्र अपने आप में खतरनाक है, जिसके वे भी लम्बे समय से शिकार रहे हैं. 

<p>यूपी के आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर का कहना है कि जेएनयू कांड में पुलिस अफसरों ने यह बात पुनः स्थापित किया है कि लगभग हर संवेदनशील मामले में उनकी भूमिका पक्षपातपूर्ण होती है और वे हमेशा अपने आप को उस समय के ताकतवर लोगों के साथ खड़ा दिखाने का प्रयास करते हैं. यदि ऐसा नहीं होता तो दिल्ली पुलिस के वही अफसर, जो कन्हैया कुमार को अपनी बात कहने का अवसर दिए बिना, पकड़ने में इतने सजग रहे, वे मीडियाकर्मियों, कन्हैया कुमार और अन्य विपरीत समूह के लोगों के पिटते समय इतने सहज भाव से नहीं रह पाते. अमिताभ ने कहा कि पुलिस अफसरों का सत्ता के करीब लोगों को प्रसन्न करने का चरित्र अपने आप में खतरनाक है, जिसके वे भी लम्बे समय से शिकार रहे हैं. </p>

यूपी के आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर का कहना है कि जेएनयू कांड में पुलिस अफसरों ने यह बात पुनः स्थापित किया है कि लगभग हर संवेदनशील मामले में उनकी भूमिका पक्षपातपूर्ण होती है और वे हमेशा अपने आप को उस समय के ताकतवर लोगों के साथ खड़ा दिखाने का प्रयास करते हैं. यदि ऐसा नहीं होता तो दिल्ली पुलिस के वही अफसर, जो कन्हैया कुमार को अपनी बात कहने का अवसर दिए बिना, पकड़ने में इतने सजग रहे, वे मीडियाकर्मियों, कन्हैया कुमार और अन्य विपरीत समूह के लोगों के पिटते समय इतने सहज भाव से नहीं रह पाते. अमिताभ ने कहा कि पुलिस अफसरों का सत्ता के करीब लोगों को प्रसन्न करने का चरित्र अपने आप में खतरनाक है, जिसके वे भी लम्बे समय से शिकार रहे हैं. 

 

JNU case: Police officers intent to placate men in power

UP IPS officer Amitabh Thakur has said that the role of senior police officers in JNU incidence has once again established that almost inevitably they play partisan role in sensitive matters and try to side with the powerful people of that time. If it were not true it was not possible that the same Delhi police officers who were so swift in arresting Kankaiya Kumar without giving an opportunity of being heard, remained so placid while media persons, Kanhaiya and other people were beaten up. Amitabh said the police officers’ character of placating people in power is truly dangerous, of which he has also been a personal victim.

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