वन रैंक वन पेंशन योजना के लागू होने में विलंब को लेकर पूर्व सैनिकों ने प्रधानमंत्री को अपने हजारों शौर्य मेडल जल्द वापस करने की योजना बनाई है। एक खबर के अनुसार, जंतर-मंतर पर जून से भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व सैनिक पीएम मोदी से मुलाकात की मांग करेंगे और विरोध स्वरूप 10 हजार मेडल उनको वापस करेंगे। हालांकि मोदी सरकार ने 5 सितंबर को वन रैंक वन पेशन योजना लागू करने की घोषणा की थी। विरोध प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों का कहना है कि योजना में 7 बड़ी कमियां हैं।
मेजर जनरल (रिटायर्ड) सतबीर सिंह ने कहा कि वह पीएम मोदी से मुलाकात का समय निश्चित करने के लिए पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि उनको देशभर से 10 हजार मेडल्स भेजे गए हैं। जो कि पूर्व सैनिकों ने उनको दिए हैं। वे लोग पीएम से मुलाकात के लिए समय मांगेंगे ताकि मेडल्स लौटा सकें। सरकार की उदासीनता के कारण उन लोगों के पास कोई और विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने बताया कि पहले भी असंतुष्ट पूर्व सैनिक तीनों सेनाओं के प्रमुख राष्ट्रपति को अपने मेडल लौटा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस बार वे लोग पीएम मोदी को अपने मेडल वापस लौटाना चाहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने लोकसभा चुनाव में रैली के दौरान वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने का वादा किया था। मेडल लौटाने से पूरे देश में यह संदेश जाएगा कि उनसे किया गया वादा पूरा नहीं किया गया है। पूर्व सैनिकों ने कहा कि सरकार ने वन रैंक वन पेंशन को लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है, जबकि 5 सितंबर को वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने की घोषणा करते हुए कहा था कि इसके लिए एक महीने के अंदर नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।