प्रदेश के सात से अधिक जिलों में हुई साम्प्रदायिक हिंसा राज्य मशीनरी की
सुनियोजित साजिश का हिस्सा
वरिष्ठ रंगकर्मी जुगल किशोर की असामयिक मृत्यु रंगमंच के साथ ही
सामाजिक-राजनीतिक आंदोलनों के लिए अपूर्णनीय क्षति
लखनऊ 26 अक्टूबर 2015। रिहाई मंच ने कहा है कि प्रतापगढ़ कुंडा से
समाजवादी सरकार के मंत्री रघुराज प्रताप सिंह द्वारा ताजिया जुलूस को न
निकालने देने व कानपुर, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, फतेहपुर, संतकबीर नगर,
कन्नौज और बांदा में सांप्रदायिक तनाव साफ करता है कि पूरा राज्य मशीनरी
प्रदेश में संघ गिरोह के साथ मिलकर सांप्रदायिकता भड़का रही है।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि कुंड़ा प्रतापगढ़ में सपा
सरकार के मंत्री रघुराज प्रताप सिंह के घर आयोजित भागवत पाठ के कारण
ताजिया जुलूस न निकालने देने की घटना साफ करती है कि समाजवादी सरकार में
न सिर्फ सामंती ताकतों का संरक्षण किया जा रहा है बल्कि मुस्लिमों के
हक-अधिकार पर खुला हमला किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रघुराज प्रताप
सिंह के पिता उदय प्रताप सिंह द्वारा ठीक मुहर्रम के समय ही इस भागवत पाठ
के आयोजन की पिछले साल से शुरु हुई नई परंपरा के उद्देश्यों पर तब सवाल
उठ जाता है जब ताजिया जुलूस को निकालने से रोकते हुए प्रशासन कहता है कि
जब तक ‘राजा साहब’ का भागवत पाठ समाप्त नहंीं होता तब तक मोहर्रम का
जुलूस नहीं निकल सकता। प्रतापगढ़ के अस्थान में सांप्रदायिक हिंसा और
जियाउल हक जैसे हत्या कांड समाजवादी पार्टी का वरदहस्त प्राप्त कर रघुराज
प्रताव व उनके पिता द्वारा पहले ही अंजाम दिया जा चुका है। उन्होंने कहा
कि अस्थान गांव में हुई मुस्लिम विरोधी हिंसा के समय भी प्रवीण तोगडि़या
जैसे साम्प्रदायिक आतंकवादी ने वहां मुस्लिम विरोधी भड़काऊ भाषण् देने के
बाद उदय प्रताप सिंह के घर पर ही प्रेस कांफ्रेंस की थी जो उन दोनों के
गठजोड़ को उजागर करता है। रिहाई मंच अध्यक्ष ने कहा कि बिहार चुनाव में
खुलकर भाजपा की मदद करने वाले मुलायम सिंह अब यूपी में भी भाजपा के लिए
माहौल बनाने में लग गए हैं जिसे अब अवाम समझ चुकी है।
रिहाई मंच के नेता राजीव यादव ने कहा कि कानपुर, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर,
फतेहपुर, संतकबीर नगर, कन्नौज और बांदा में सांप्रदायिक तनाव का एक समय
होना यह साफ कर रहा है कि निचले स्तर की पुलिस मशीनरी और उच्च स्तर की
मशीनरी के सुनियोजित साजिश की ये घटनाएं हिंस्सा हैं। यूपी के डीजीपी
जगमोहन यादव जिन्हें 2012 फैजाबाद सांप्रदायिक हिंसा के बाद हटाया गया था
को यूपी की कमान देकर पहले ही सपा सरकार ने सांप्रदायिकता और जातीय हिंसा
को बढ़ाने की खुली छूट दे रखी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश
यादव बार-बार कहते हैं कि सांप्रदायिक घटनाएं हुई तो गैरजिम्मेदार
प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी, पर करते कभी नहीं। मंच ने
मांग की कि तत्काल प्रतापगढ़ व सांप्रदायिक तनाव प्रभावित जिलों कानपुर,
सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, फतेहपुर, संतकबीर नगर, कन्नौज और बांदा के एसपी
को हटाते हुए इन घटनाओं की जांच करवाई जाए।
रिहाई मचं ने आजीवन वंचित समाज के लिए संर्घर्षरत प्रसिद्ध रंगकर्मी,
सिने कलाकार, लेखक, फिल्मकार, कवि जुगल किशोर की हृदयगति के कारण हुई
असामयिक मृत्यु को रंगमंच के अलावा सामाजिक-राजनीतिक आंदोलनों के लिए भी
अपूर्णनीय क्षति बताते हुए गहरी शोक-संवेदना व्यक्त की है।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम
(प्रवक्ता, रिहाई मंच)
09415254919