Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रदेश

क्या इन भ्रष्ट अधिकारियों को बेनकाब करने वाला था पत्रकार राघवेन्द्र दुबे, हत्या के विरोध में प्रदर्शन

मुंबई। मीरा रोड के बार मालिकों द्वारा 17 जुलाई की सुबह पत्रकार राघवेंद्र दुबे की निर्मम हत्या के बाद अब इस हत्याकांड में एक नया खुलासा सामने आया है। खुलासा यह है कि जिस बार के मालिकों ने पत्रकार दुबे की हत्या की और 2 पत्रकारों पर जानलेवा हमला किया, उस जगह पर बार चलाने का लाइसेंस ही नहीं था। अब इस मामले में शुरू हुई जांच में मीरा-भाईंदर महानगरपालिका, राजस्व और एक्साइज विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारी नप सकते हैं।

<p>मुंबई। मीरा रोड के बार मालिकों द्वारा 17 जुलाई की सुबह पत्रकार राघवेंद्र दुबे की निर्मम हत्या के बाद अब इस हत्याकांड में एक नया खुलासा सामने आया है। खुलासा यह है कि जिस बार के मालिकों ने पत्रकार दुबे की हत्या की और 2 पत्रकारों पर जानलेवा हमला किया, उस जगह पर बार चलाने का लाइसेंस ही नहीं था। अब इस मामले में शुरू हुई जांच में मीरा-भाईंदर महानगरपालिका, राजस्व और एक्साइज विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारी नप सकते हैं।</p>

मुंबई। मीरा रोड के बार मालिकों द्वारा 17 जुलाई की सुबह पत्रकार राघवेंद्र दुबे की निर्मम हत्या के बाद अब इस हत्याकांड में एक नया खुलासा सामने आया है। खुलासा यह है कि जिस बार के मालिकों ने पत्रकार दुबे की हत्या की और 2 पत्रकारों पर जानलेवा हमला किया, उस जगह पर बार चलाने का लाइसेंस ही नहीं था। अब इस मामले में शुरू हुई जांच में मीरा-भाईंदर महानगरपालिका, राजस्व और एक्साइज विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारी नप सकते हैं।

मनपा सूत्रों की मानें तो मीरा-भाईंदर रोड पर स्थित व्हाईट हाउस नामक बियर बार, जिसको मनपा ने सन् 1998 में रेसिडेंशियल बांध काम का परमिशन दिया है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है रेसिडेंशियल के परमिशन पर जिला अधिकारी राजस्व, एक्साइज विभाग और मनपा प्रशासन ने कैसे डांस बार और शराब बेचने की इजाजत दे दी, यह जांच का विषय है? सवाल यह उठाता है कि आखिर कैसे इतने वर्षों तक इन विभागों आंख में धूल झोककर डांस बार चलता रहा। चौंकाने वाली बात तो यह है कि डांस बार व्हाईट हाउस के नाम पर चलाया जा रहा है, लेकिन लायसेंस पर नाम सुरूष्टि पैलेस है।

क्या इन भ्रष्ट अधिकारियों को बेनकाब करने वाला था पत्रकार राघवेन्द्र दुबे? आखिर दुबे की हत्या का कारण क्या है? हालांकि दुबे हत्याकांड में लव वर्ड डांस बार चलाने वाले महेश और भावेश सहित दो बार ग्राहक को लोकल क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया है और ठाणे कोर्ट आरोपियों को 24 जुलाई तक पुलिस रिमांड दिया है। दिवंगत पत्रकार राघवेंद्र दुबे की सहायता के लिए पत्रकारों ने हाथ बढ़ाया है। जर्नलिस्ट एक्शन कमेटी की तरफ से बुधवार की दोपहर मीरा- भाईंदर महानगर पालिका मुख्य कार्यालय के प्रेस कक्ष में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें पत्रकारों ने दिवंगत पत्रकार दुबे के परिजनों को मदद के तौर पर 25 हजार रूपए दिए।

मीरा भायंदर व्हाईट हाऊस नामक लेडीज़ डाँस बियर बार की न्यूज़ कवरेज करने गए पत्रकारों में से तीन पत्रकारों पर हुए जानलेवा हमले और एक पत्रकार की ह्त्या के विरोध में सुर्ख़ियों में आया वो लेडीज़ डांस बियर बार को अतिशीघ्र तोड़ने की मांग को लेकर पत्रकारों ने मीरा भायंदर मनपा मुख्यालय के बाहर मूँह पर काली पट्टी बाँध कर और नारा लिखे हुए तख्तियाँ हाथों में लेते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। और पत्रकार सुरक्षा कायदा कानून की मांग ने जोर पकड़ लिया है।

मीरा भायंदर महानगर पालिका मुख्यालय के बाहर मूँह पर काली पट्टी बाँध कर और अपने अपने हाथों में नारे लिखे हुए तख्तियाँ से आवाज़ को बुलंद करते हुए सभी पत्रकारों ने दमदार प्रदर्शन करते हुए उनके द्वारा यह मांग की गई। जिस लेडीज़ डाँस बियर बार पर स्थानीय पुलिस द्वारा पर की गई कानूनी कार्यवाही की खबर को कवरेज गए पत्रकारों पर हमला किया गया उस अवैध व्हाईट हाऊस नामक लेडीज़ डाँस बियर बार को शीघ्र ध्वस्त किया जाए। पत्रकारों के द्वारा दिन भर चलते हुए इस दमदार प्रदर्शन के कई घंटों बाद मीरा भायंदर महानगर पालिका आयुक्त ने मुख्यालय के बाहर आकर पत्रकारों से मुलाक़ात की और लिखित आश्वासन भी दिया की १५ दिनों के अंदर ही उक्त बार को तोड़ कर ध्वस्त कर दिया जायेगा। इस तरह से सभी पत्रकारों ने मीरा भायंदर महानगर पालिका मुख्यालय के बाहर अपना प्रदर्शन समाप्त किया। पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है।

हर परिस्थिति में पत्रकार अपने दायित्वों का फर्ज निभाते हुए सभी वर्ग की ख़बरों को जनता के सामने प्रस्तुत करता है। अगर उसी को मौत के घाट उतारा जाए तो उस सरकार के लिए बहुत शर्मा की बात है की उसकी सरकार में पत्रकार को काला व्यापार करने वाले गुंडे उसकी ह्त्या कर देते हैं। जिसमे स्थानीय पुलिस का उपाधीक्षक बावचे राघवेन्द्र दुबे को घर से स्थानीय पुलिस से फोन कॉल करवा कर पुलिस थाने में बुलाता है और कुछ देर बाद उसकी हत्या हो जाती है। भारतीय लोकतंत्र में इसे क्या कहा जा सकता है। लेकिन वो पुलिस उपाधीक्षक सस्पेंड नहीं होता है। इसे क्या कहा जा सकता है। बता दिया जाए की मीरा रोड में व्हाईट हाऊस नामक लेडीज़ डांस बियर बार पर मीरा रोड पुलिस द्वारा की गयी कार्यवाही की न्यूज़ को कवरेज़ करने गए पत्रकार में शशि शर्मा, अनिल नौटियाल और संतोष मिश्रा पर जानलेवा हमला हुआ यह हमला पुलिस के सामने हुआ लेकिन पुलिस सिर्फ मूक दर्शक बनी रही।

नौटियाल जान बचाकर बाल बाल बचा और शशि शर्मा को हत्या के प्रयास कर मारपीट कर जख्मी अवस्था में सड़क पर छोड़ दिया। संतोष मिश्रा को हत्या के इरादे से अपहरण कर इस मामले को तूल पकड़ता देख और पुलिस को फंसता हुआ देख वो अपराधियों ने वापस मीरा रोड छोड़ दिया। दोनों की मानसिक स्थिति थोड़ी ठीक नहीं है। यह मामला महाराष्ट्र की जनता के सामने आ चूका है और जनता पत्रकारों साथ है। युवा पत्रकार राघवेन्द्र दुबे की बियर बार वाले गुंडों द्वारा खतरनाक ढंग से की गयी हत्या के बाद पत्रकार जगत में गुस्सा फुट पड़ा है और काफी रोष है। कई राज्यों में पत्रकारों ने विरोध जारी रखते हुए पत्रकारों की सुरक्षा हेतु कायदा कानून बनाने की मांग ने अब जोर पकड़ लिया है।

You May Also Like

Uncategorized

मुंबई : लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में मुंबई सेशन कोर्ट ने फिल्‍म अभिनेता जॉन अब्राहम को 15 दिनों की जेल की सजा...

ये दुनिया

रामकृष्ण परमहंस को मरने के पहले गले का कैंसर हो गया। तो बड़ा कष्ट था। और बड़ा कष्ट था भोजन करने में, पानी भी...

ये दुनिया

बुद्ध ने कहा है, कि न कोई परमात्मा है, न कोई आकाश में बैठा हुआ नियंता है। तो साधक क्या करें? तो बुद्ध ने...

दुख-सुख

: बस में अश्लीलता के लाइव टेलीकास्ट को एन्जॉय कर रहे यात्रियों को यूं नसीहत दी उस पीड़ित लड़की ने : Sanjna Gupta :...

Advertisement