बेंगलुरू: कांग्रेस और उसके उपाध्यक्ष खुद को गरीबों का रहनुमा बताते हैं और हमेशा यह दावा करते हैं कि उनसे बेहतर कोई गरीबों का दर्द नहीं समझता है। लेकिन कनार्टक के रैनबेन्नूर में 10 अक्टूबर को होने वाली राहुल गांधी की एक रैली के लिए जिस तरह एक किसान की लगभग तैयार फसल को काटकर बर्बाद किया गया, उसके बाद ऐसा नहीं लगता है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष का गरीबों के दुख से कोई सरोकार है।
जानकारी के अनुसार राहुल गांधी की रैली के लिए एक किसान की चार एकड़ में लगी मक्के की फसल को कटाई से पहले ही काट दिया गया है। यह मैदान करीब तीन फुटबॉल के मैदान के बराबर बताया जा रहा है। राहुल गांधी ने इस इलाके का दौरा करने वाले हैं। वह यहां ऐसे परिवारों से मिलने वाले हैं जहां फसल बर्बाद होने के चलते किसान आत्महत्या कर चुके हैं। ऐसे में एक किसान की तैयार फसल को बर्बाद करना कहां तक उचित है। इस पर विरोध जताते हुए इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि कर्नाटक के एक गरीब किसान को अपनी बेशकीमती फसल का नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि राहुल गांधी की रैली के लिए एक स्टेज बनाया जाना था जहां वे आएंगे और चले जाएंगे।