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मप्र बलात्कार में फिर अव्वल, इंदौर उसकी राजधानी

व्यापमं और डीमेट जैसे महाघोटालों ने तो मध्यप्रदेश को देश-विदेश में शर्मसार किया ही वहीं एक बार फिर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि देश में सर्वाधिक बलात्कार मध्यप्रदेश में दर्ज किए गए और इंदौर तो मानों बलात्कार की राजधानी ही बन गया, जहां सबसे अधिक ये मामले सामने आए। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान लाख कहें कि वे मध्यप्रदेश को देश का अव्वल राज्य बनाना चाहते हैं और इंदौर को तो दुनिया का टॉप-10 शहर, मगर मैदानी हकीकत इसके विपरित ही नजर आती रही है।

<p>व्यापमं और डीमेट जैसे महाघोटालों ने तो मध्यप्रदेश को देश-विदेश में शर्मसार किया ही वहीं एक बार फिर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि देश में सर्वाधिक बलात्कार मध्यप्रदेश में दर्ज किए गए और इंदौर तो मानों बलात्कार की राजधानी ही बन गया, जहां सबसे अधिक ये मामले सामने आए। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान लाख कहें कि वे मध्यप्रदेश को देश का अव्वल राज्य बनाना चाहते हैं और इंदौर को तो दुनिया का टॉप-10 शहर, मगर मैदानी हकीकत इसके विपरित ही नजर आती रही है।</p>

व्यापमं और डीमेट जैसे महाघोटालों ने तो मध्यप्रदेश को देश-विदेश में शर्मसार किया ही वहीं एक बार फिर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि देश में सर्वाधिक बलात्कार मध्यप्रदेश में दर्ज किए गए और इंदौर तो मानों बलात्कार की राजधानी ही बन गया, जहां सबसे अधिक ये मामले सामने आए। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान लाख कहें कि वे मध्यप्रदेश को देश का अव्वल राज्य बनाना चाहते हैं और इंदौर को तो दुनिया का टॉप-10 शहर, मगर मैदानी हकीकत इसके विपरित ही नजर आती रही है।

व्यापमं और डीमेट घोटालों पर तो मुख्यमंत्री ये आरोप लगाते हैं कि विपक्ष यानि कांग्रेस प्रदेश को बदनाम करने में जुटा है और वे ईमानदारी से जांच करवा रहे हैं और राजनीति में उनका मंत्र ही ईमानदारी है और उन्होंने कभी कुछ गलत नहीं किया, मगर मुख्यमंत्री को इस बात की जवाबदेही तो लेना ही पड़ेगी कि उनकी अच्छी मंशा पर आखिर पानी क्यों फिर जाता है? क्यों नहीं वे दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की सख्ती दिखाते और अपनी ही पार्टी के दागदार चेहरों को बाहर नहीं करवा पाते? नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के 2014 के जो आंकड़े सामने आए हैं उससे पता चलता है कि देश भर में 36735 बलात्कार के प्रकरण दर्ज किए गए, जिनमें सर्वाधिक मध्यप्रदेश के 5 हजार 76 प्रकरण हैं।

इसके बाद राजस्थान दूसरे स्थान पर जहां 3759 और तीसरे स्थान पर उत्तरप्रदेश है जहां 3467 बलात्कार के प्रकरण दर्ज हुए। बलात्कार के साथ-साथ मध्यप्रदेश महिला उत्पीडऩ व अपराध के मामले में भी अव्वल रहा, जहां 15170 प्रकरण दर्ज हुए। इसके बाद दूसरा स्थान महाराष्ट्र का, जहां 15029 और तीसरे स्थान पर उत्तरप्रदेश है। इतना ही नहीं मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी कहलाने वाला अपना इंदौर महिला अपराध और बलात्कार के मामले में अन्य शहरों की तुलना में अव्वल रहा है। इंदौर में बलात्कार के 185, तो हत्या के भी सर्वाधिक 88 प्रकरण दर्ज हुए, वहीं अपहरण के 439 और चोरी-चमारी के 5914 प्रकरण दर्ज हुए। हालांकि शासन-प्रशासन, पुलिस और जानकारों का यह भी कहना है कि चूंकि मध्यप्रदेश में शत-प्रतिशत अपराध थानों में पंजीबद्ध किए जाते हैं इसलिए यह आंकड़ा सबसे अधिक नजर आता है।

अन्य राज्यों में तो बलात्कार से लेकर अन्य गंभीर अपराध दर्ज ही नहीं किए जाते। यह बात अगर मान भी ली जाए, तो इसका मतलब यह तो हुआ ही कि अपराध तो उतने मध्यप्रदेश में हुए ही हैं, जो बकायदा थानों पर दर्ज किए गए। पिछले कुछ सालों से महिला अपराध के मामले में मध्यप्रदेश इसी तरह अव्वल आता रहा है, जो वाकई हम सबके लिए शर्मनाक है। यह मामला इसलिए भी गंभीर हो जाता है कि मध्यप्रदेश में पिछले 12 सालों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जिसने पिछले लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी को प्रोजेक्ट करते हुए ये धुआंधार विज्ञापन भी दिए थे कि… बहुत हुआ महिलाओं पर अत्याचार… अबकी बार मोदी सरकार… मगर केन्द्र में भी सवा साल से मोदी सरकार काबिज है, बावजूद इसके देश की राजधानी दिल्ली में ही बलात्कार से लेकर अन्य महिला अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और भाजपा शासित मध्यप्रदेश तो लगातार अव्वल आ ही रहा है। क्या इन आंकड़ों को नजरअंदाज यह कहकर किया जा सकता है कि इससे प्रदेश और इंदौर की छवि बेहतर नहीं होगी..? लिहाजा आइने को सामने से हटाने की बजाय चेहरा सुधारने की कवायद होना चाहिए।

लेखक राजेश ज्वेल हिन्दी पत्रकार और राजनीतिक समीक्षक हैं. सम्पर्क- 098270-20830 Email : [email protected]

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