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पद्दमश्री सम्मानित नृत्यांगना कलामंडलम सत्यभामा का निधन

पालक्काड (केरल): पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित जानी-मानी मोहिनीअट्टम नृत्यांगना कलामंडलम सत्यभामा का संक्षिप्त बीमारी के बाद रविवार को 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया। केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया,  ‘पद्मश्री गुर कलामंडलम सत्यभामा के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं। उनके परिवार के साथ मेरी सांत्वना है।’ सत्यभामा को वर्ष 2014 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था।

<p><strong>पालक्काड (केरल):</strong> पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित जानी-मानी मोहिनीअट्टम नृत्यांगना कलामंडलम सत्यभामा का संक्षिप्त बीमारी के बाद रविवार को 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया। केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया,  'पद्मश्री गुर कलामंडलम सत्यभामा के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं। उनके परिवार के साथ मेरी सांत्वना है।' सत्यभामा को वर्ष 2014 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था।</p>

पालक्काड (केरल): पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित जानी-मानी मोहिनीअट्टम नृत्यांगना कलामंडलम सत्यभामा का संक्षिप्त बीमारी के बाद रविवार को 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया। केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया,  ‘पद्मश्री गुर कलामंडलम सत्यभामा के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं। उनके परिवार के साथ मेरी सांत्वना है।’ सत्यभामा को वर्ष 2014 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था।

      मोहिनीअट्टम के साथ कई प्रयोगात्मक सुधार करने वाली सत्यभामा ने इस पारंपरिक नृत्य शैली को राज्य में एक लोकप्रिय नृत्य शैली बनाया। बारह वर्ष की उम्र में सत्यभामा ने त्रिसूर स्थित विश्व प्रसिद्ध कला प्रशिक्षण संस्थान कलामंडलम में दाखिला लिया। इस संस्थान की स्थापना मशहूर मलयाली कवि वल्लाठोल नारायण मेनन ने की थी। बाद में वह इस संस्थान की प्राचार्य भी बनीं और 1992 में यहां से सेवानिवृत्त हुईं।  उनका विवाह कथकली के मशहूर नर्तक दिवंगत कलामंडलम पद्मनाभन नायर के साथ हुआ था। उनका अंतिम संस्कार शोरानूर में किया गया।

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