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काले धन को सफेद करने में लिप्त 900 कंपनियों को सेबी ने किया प्रतिबंधित

मुंबई। भारत में लगभग 900 कंपनियों की पहचान सेबी ने की है। ये कंपनियां काले धन को शेयर बाजार में निवेश करके सफेद धन में परिवर्तित करने के साथ-साथ आयकर की चोरी कर रही हैं। शेयर बाजार में काले धन को सफेद करने और टैक्स चोरी करने के लिए ऐसी हजारों कंपनियों शेयर बाजार में आईपीओ, जीडीआर तथा शेयरों की खरीद-बिक्री में लिप्त हैं। ये शेयर बाजार के माध्यम से देश को चूना लगाने के साथ खुद भारी कमाई कर रही हैं।

<p>मुंबई। भारत में लगभग 900 कंपनियों की पहचान सेबी ने की है। ये कंपनियां काले धन को शेयर बाजार में निवेश करके सफेद धन में परिवर्तित करने के साथ-साथ आयकर की चोरी कर रही हैं। शेयर बाजार में काले धन को सफेद करने और टैक्स चोरी करने के लिए ऐसी हजारों कंपनियों शेयर बाजार में आईपीओ, जीडीआर तथा शेयरों की खरीद-बिक्री में लिप्त हैं। ये शेयर बाजार के माध्यम से देश को चूना लगाने के साथ खुद भारी कमाई कर रही हैं।</p>

मुंबई। भारत में लगभग 900 कंपनियों की पहचान सेबी ने की है। ये कंपनियां काले धन को शेयर बाजार में निवेश करके सफेद धन में परिवर्तित करने के साथ-साथ आयकर की चोरी कर रही हैं। शेयर बाजार में काले धन को सफेद करने और टैक्स चोरी करने के लिए ऐसी हजारों कंपनियों शेयर बाजार में आईपीओ, जीडीआर तथा शेयरों की खरीद-बिक्री में लिप्त हैं। ये शेयर बाजार के माध्यम से देश को चूना लगाने के साथ खुद भारी कमाई कर रही हैं।

सेबी के चेयरमैन ने एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में बताया कि उन्होंने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को 900 कंपनियों की सूची भेजी है। उन्होंने कहा सेबी ने 900 से ज्यादा कंपनियों को प्रतिबंधित कर दिया है। सेबी ने इस तरह की कंपनियों द्वारा लगभग 6000 करोड़ रूपयों की आयकर चोरी का अनुमान लगाया है। सूत्रों के अनुसार शेयर बाजार में कई कंपनियों में विदेशी कंपनियों के माध्यम से निवेश और शेयरों की खरीद-फरोख्त की गई है। प्रत्यक्ष कर बोर्ड की जांच में इसका खुलासा भी होना तय है। सूत्रों के अनुसार इन कंपनियों की पूरी चेन की जांच की जाएगी तो खरबों रूपयों के नए-नए खुलासे सामने आएंगे।

सेबी की इस कार्यवाही से बेनामी तथा अटेची कंपनियों के संचालकों में हड़कम्प मच गया है। सूत्रों के अनुसार इन कंपनियों में ज्यादातर कंपनियों की बागडोर राजनेताओं, बड़े नौकरशाह तथा कार्पोरेट जगत के उद्योगपति जुड़े हुए हैं। सितंबर माह तक सरकार द्वारा विदेशी धन की घोषणा करने का अंतिम समय निर्धारित किया गया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय सितंबर माह में ज्यादा से ज्यादा काला धन बाहर निकालने के लिए दबाव बना रहा है। सेबी ओर प्रत्यक्ष कर बोर्ड का यह दबाव काम कर गया तो बड़ी मात्रा में धन की घोषणा उक्त अटेची कंपनियां करेंगी। इससे सरकार को काफी बड़ी राशि टेक्स के रूप में मिलने की उम्मीद है।

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