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दूरदर्शन न्यूज और लोकसभा तथा राज्यसभा टीवी के अलावा मैं बस एनडीटीवी ही देखता हूं

Shukla SN : दूरदर्शन न्यूज और लोकसभा तथा राज्यसभा टीवी के अलावा मैं बस एनडीटीवी ही देखता हूं खबर के प्रति खबरदार रहने के लिए। और जैसे ही प्राइम टाइम खत्म होता है मैं डिस्कवरी चैनल पर मैन वर्सेज वाइल्ड देखने चला जाता हूं। यह अकेला ऐसा कार्यक्रम है जिसे मैं बिना नागा देखता हूं और अगर रह गया तो यू ट्यूब से देखता हूं। परम घुमक्कड़ बीयर ग्राइल्स का मैं फैन हूं जो दुनिया के हर खतरनाक और न जा सकने वाले ठिकाने पर गया और अपनी जीवटता के चलते प्रकृति से भिड़ा और उसके अनुरूप चलते हुए वापस लौटा।

<p>Shukla SN : दूरदर्शन न्यूज और लोकसभा तथा राज्यसभा टीवी के अलावा मैं बस एनडीटीवी ही देखता हूं खबर के प्रति खबरदार रहने के लिए। और जैसे ही प्राइम टाइम खत्म होता है मैं डिस्कवरी चैनल पर मैन वर्सेज वाइल्ड देखने चला जाता हूं। यह अकेला ऐसा कार्यक्रम है जिसे मैं बिना नागा देखता हूं और अगर रह गया तो यू ट्यूब से देखता हूं। परम घुमक्कड़ बीयर ग्राइल्स का मैं फैन हूं जो दुनिया के हर खतरनाक और न जा सकने वाले ठिकाने पर गया और अपनी जीवटता के चलते प्रकृति से भिड़ा और उसके अनुरूप चलते हुए वापस लौटा।</p>

Shukla SN : दूरदर्शन न्यूज और लोकसभा तथा राज्यसभा टीवी के अलावा मैं बस एनडीटीवी ही देखता हूं खबर के प्रति खबरदार रहने के लिए। और जैसे ही प्राइम टाइम खत्म होता है मैं डिस्कवरी चैनल पर मैन वर्सेज वाइल्ड देखने चला जाता हूं। यह अकेला ऐसा कार्यक्रम है जिसे मैं बिना नागा देखता हूं और अगर रह गया तो यू ट्यूब से देखता हूं। परम घुमक्कड़ बीयर ग्राइल्स का मैं फैन हूं जो दुनिया के हर खतरनाक और न जा सकने वाले ठिकाने पर गया और अपनी जीवटता के चलते प्रकृति से भिड़ा और उसके अनुरूप चलते हुए वापस लौटा।

जब यह सीरियल आता है उस वक्त तक मैं भोजन अवश्य कर लेता हूं क्योंकि ग्राइल्स को कीड़े-मकोड़े व चीटीं-चीटा खाते देखकर उलटी हो सकती है। मगर क्या किया जाए हमारे अपने भी पूर्वजों ने इसी तरह छिपकलियां, मक्खी-मच्छर और तमाम तरह के जलीय व स्थलीय तथा नभचर खाकर ही अपनी जिंदगी बचाई और यह उनका ही प्रताप था कि हजारों-लाखों वर्ष से अकेले मनुष्य ही साबुत बचा है। वह अंग्रेज ग्राइल्स परले दरजे का घुमक्कड़ तो है ही साथ में उसे प्रकृति के उन सारे पौधों व बूटों की जानकारी है जिनमें वे सारे तत्त्व होते हैं जिनका सेवन कर हम सर्वाइव कर सके। परसों अमेरिका के हवाई द्वीप समूह के ज्वालामुखीय इलाके में घूमते हुए ग्राइल्स ने घृतकुमारी के उपयोग और लाभ गिनाए।

मैं तो दंग रह गया और अपने इतने करीब के पौधे के प्रति अपनी अज्ञानता से मुझे क्षोभ हुआ। कल मैने घृतकुमारी का जूस पता करने के लिए जब आयुर्वेदिक दवाओं के भंडार टटोले तो पाया कि अकेले बाबा रामदेव ने ही इस पौधे के जूस को गरीब आदमी की पहुंच लायक बनाया है। सारे बाबा-बाबी अपने योग की दूकान चलाने के लिए घृतकुमारी का जूस बेचते हैं पर हर जगह यह एक हजार से डेढ़ हजार रुपये के बीच ही मिलता है पर बाबा रामदेव के पातंजलि योगपीठ इसे मात्र 200 रुपये में बेचता है। किसी को गाली देना तो आसान है पर इस बाबा की करामात है कि इसने योग और आसन जैसे कुलीन कलाओं को जन सामान्य तक पहुंचाया और आयुर्वेद की वे दवाएं आम जन तक को सुलभ कराईं जिन्हें अक्सर भिषगाचार्य सामंतों और राजा-रजवाड़ों और पूंजीपतियों को ही देते थे। बाबा रामदेव की इस साधना का मैं कायल हूं।

वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ला के फेसबुक वॉल से.

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