स्नैपडील कंपनी ने अचानक सैकड़ों कर्मियों को बाहर निकाल दिया तो ये कर्मी आफिस के अंदर और बाहर अपने हक के लिए जम गए. इनका कहना है कि लेबर लॉ के तहत इन्हें तीन महीने का एडवांस वेतन दिया जाए. अगर कंपनी ने तीन महीने का नोटिस नहीं दिया है निकालने से पहले तो उसे तीन महीने की सेलरी देने के लिए कानूनन बाध्य होना पड़ेगा. पर कर्मचारियों के तर्कों से तानाशाह कंपनी प्रबंधन की आंखें नहीं खुल रही हैं. उलटे प्रबंधन ने आंदोलनकारियों पर आफिस में तोड़फोड़ समेत कई धाराओं में मुकदमा लिखवा दिया है.
कंपनी की तरह की चालबाजियों और घटिया हरकतों से नाराज कर्मियों ने स्नैपडील के ओखला स्थित आफिस के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. आंदोलनकारी कई दिनों से घर नहीं जा रहे और लगातार स्नैपडील के आफिस के बाहर और अंदर डटे हुए हैं. ये सामूहिक रूप से पार्क में बैठकर खाना खाते हैं. खाने का प्रबंधन गुरुद्वारा की तरफ से लंगर के रूप में किया गया. कई अन्य लोग भी इनकी मदद कर रहे हैं पर मीडिया वाले चुप्पी साधे हैं. जिन मीडिया के कंधों पर पीड़ितों की आवाज प्रमुखता से दिखाने का जिम्मा है, वह मीडिया अब प्रबंधन और कारपोरेट के तलवे चाट रहा है. केवल जी न्यूज और जी बिजनेस पर स्नैपडील में छंटनी और आंदोलन की खबर थोड़ी बहुत चली. बाकी हर जगह इस खबर और आंदोलन का बायकाट किया गया.
नीचे दो वीडियो हैं जिसके जरिए आप स्नैपडील आंदोलन की एक झलक देख सकते हैं:
SnapDeal में छंटनी के खिलाफ सैकड़ों कर्मी सड़क पर, देखें वीडियो
https://www.youtube.com/watch?v=HHTgZE71210
Snapdeal कंपनी ने सैकड़ों कर्मियों पर दर्ज कराया फर्जी मुकदमा, देखें वीडियो
https://www.youtube.com/watch?v=RNEBpclTBFc
पूरे प्रकरण को समझने के लिए नीचे दिए गए शीर्षक पर भी क्लिक कर सकते हैं :