: सूचना मिलने पर बसपा समर्थित प्रत्याशियों ने जमकर किया बबाल, मतदान केंद्र पर किया पथराव : ईटीवी, जी संगम, आज तक, सहारा समय और आईबीएन7 के रिपोर्टरों ने खबर से बनाई दूरी : उत्तर प्रदेश में इस समय पंचायत चुनाव चल रहे है और पंचायत चुनाव में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी प्रत्येक सीट को जीतने के प्रयास मे लगी है| प्रत्याशी या तो वोटरो को खरीदने में लगे है जहां पर वोटरों को सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी खरीद नहीं पा रहे है वहाँ पर प्रत्याशी मीडिया को खरीद रहे है जिससे मीडिया उनके खिलाफ किसी भी प्रकार का समाचार न निकाल सके|
जालौन में भी भी ऐसा ही देखने को मिला| जहां पर डकोर जिला पंचायत सीट से सपा समर्थित प्रत्याशी और वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष शिशुपाल सिंह यादव ने अपनी सीट बचाने के लिए प्रत्याशियों को खरीदने का प्रयास किया| जिसमें उनकी मदद करने के लिए उनके बड़े भाई और बुंदेलखंड क्षेत्र के मिनी मुख्यमंत्री कहे जाने बाले राज्यसभा सदस्य चंद्रपाल सिंह यादव भी 12 अक्टूवर की रात को डकोर क्षेत्र में डेरा जमाये रहे और रात 3 बजे तक वोटरों के घर जाकर वोट मांगते हुये नजर आए|
लेकिन जहां पर वोटरों को खरीद नहीं सके तो उन्होने इलैक्ट्रोनिक चैनल के रिपोर्टर के माध्यम से उरई की मीडिया को ही खरीद लिया जिससे वह बूथों पर जाकर कैप्चरिंग कर सके और मीडिया उनके खिलाफ कोई खबर न निकाल सके| सपा समर्थित प्रत्याशी वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष शिशुपाल यादव इसमें कामयाब भी हो गए थे लेकिन मीडिया को मैनेज करने में लगे इलैक्ट्रोनिक मीडिया का एक पत्रकार कुछ पत्रकारों को अपने साथ नहीं मिला|
लेकिन जिसका डर सपा समर्थित प्रत्याशी को था आखिरकार वही हो गया| 13 अक्टूवर को डकोर के जीआईसी में मतदान हो रहा था तभी जिला पंचायत अध्यक्ष शिशुपाल यादव अपने समर्थकों के साथ पोलिंग बूथ में घुस गए और वहाँ पर बूथ कैप्चरिंग का प्रयास करने लगे| जिसकी जानकारी जब बसपा समर्थित प्रत्याशी को हुयी वह मौके पर पहुंचे लेकिन उन्हे मतदान केंद्र में अंदर घुसने नहीं दिया| जिससे प्रत्याशी समर्थक भड़क गए और उन्होने नारेबाजी शुरुकर दी| जिसे देख पुलिस बालों ने पोलिंग बूथ के मुख्य दरवाजे को बंद कर दिया और लगभग 1 घंटे तक दरबाजा बंद रहा और सपा प्रत्याशी अंदर बूथ में घुसे रहे| जिसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और जमकर उन्होने मतदान केंद्र पर पथराव किया|
लेकिन इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी मौके पर ईटीवी, जी संगम, आज तक, सहारा समय और आईबीएन 7 के रिपोर्टर खबर से दूरी बनाए रखे| जब पूरा मामला शांत हो गया तब यह रिपोर्टर डकोर में खबर बनाने के लिए पहुंचे लेकिन किसी भी रिपोर्टर ने मतदान केंद्र तक जाने की हिम्मत नहीं जुटाई सभी डकोर कोतवाली में डीआईजी, डीएम और एसपी के साथ चाय पीते रहे| जब मतदान केंद्र पर सब ठीक चलने लगा तब यह रिपोर्टर खाना पूर्ति करने पहुँच गए| इस खबर को इन चैनलों के रिपोर्टर ने अलग नजरिए से संस्थान को बताकर उस समय सपा समर्थित प्रत्याशी का बचाव कर लिया|
लेकिन सुबह कुछ समाचार पत्रों ने बूथ कैप्चरिंग की खबर अपने प्रथम पेज पर छापी तो मीडिया को मेनेज करने बाले इलेक्ट्रोनिक चैनल के रिपोर्टर के होश उड गए| वहीं इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद अधिकारियों की कार्यशैली चर्चा का विषय रही। जब डकोर में मतदान केंद्र पर बवाल शुरू हुआ तब डीएम, एसपी व डीआईजी डकोर थाने में चाय की चुस्की लेते रहे। थाने से करीब सौ मीटर की दूरी पर इतना बड़ा बवाल होता रहा और करीब दो घंटे तक हालात तनावपूर्ण रहे। इसके बावजूद उक्त अधिकारियों ने मौके पर पहुंचने की जहमत नहीं उठाई। दो घंटे बाद जब बवाल शांत हो गया तब एडीएम आनंद कुमार, एएसपी शकील अहमद, सीओ जंगबहादुर सिंह, जोनल मजिस्ट्रेट संजय सिंह मौके पर पहुंचे थे|
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.