नई दिल्ली: आधार कार्ड की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ को यह याचिका भेज दी है। न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति सी.नागप्पन की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि आधार कार्ड के इस्तेमाल से संबंधित मूल याचिका पहले ही बड़ी बेंच को सुपुर्द की जा चुकी है, इसलिए इन याचिकाओं को भी बड़ी बेंच को भेजा जाता है।
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में यह फैसला सुनाया गया। आधार कार्ड का मामला बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि बैंक अकाउंट से लेकर फोन के कनेक्शन तक में आधार कार्ड की जरुरत होती है। प्राइवेसी के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट में आधार कार्ड पर सरकार के फैसले को चुनौती दी गयी थी। गौरतलब है कि आधार कार्ड के नाम पर ऑनलाइन ठगी के कई मामले सामने आये हैं। जिसके बाद से प्राइवेसी मामले को लेकर देश में काफी बहस भी हुई।
उधर सरकार ने आधार कार्ड पर अपनी बात रखते हुए कहा था कि आधार कार्ड की मदद से गैस सब्सिडी और केरोसिन सब्सिडी देने में आसानी होती है। आरबीआई ,सेबी और ट्राई ने भी आधार कार्ड का समर्थन किया था। इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान सरकार की ओर से पक्ष रखने के लिए अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अपना पक्ष रखा था। प्रधानमंत्री की जनधन योजना की सफलता में आधार की भूमिका रही है। आधार की वजह से सरकार के एलपीजी सब्सिडी में एक साल में 15 से 20 हजार करोड़ बचाए गए। बूढ़े और लाचारों तक घर पर ही पेंशन पहुंच रही है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने भी कोर्ट से इस आदेश में स्पष्टीकरण मांगा है। इन तीनों संस्थानों ने अपनी याचिकाओं में पहचान के लिए आधार के इस्तेमाल की इजाजत देने की मांग की है।