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एनजीओ वाला संजय शर्मा सपा सरकार की चमचागिरी में ठाकुर दंपत्ति के पीछे पड़ा है!

Avanindrsingh Aman : यूपी के व्यापमं से भी बड़े घोटाले को नही देख पा रहे संजय शर्मा.. बात लखनऊ के एनजीओ संचालक संजय शर्मा की हो रही है. ये महोदय और उनके कुछ पालतुओं ने अमिताभ-नूतन के मुद्दे को ऐसे उछाला है जैसे व्यापमं के पैसे अमिताभ-नूतन के पास है। एक एनजीओ से ऐसी ही उम्मीद की जा सकती है कि वह सरकार की चमचागिरी ही करेगा तभी उसके घर की दाल रोटी चलेगी। संजय शर्मा को गायत्री प्रजापति के कारनामे, यादव सिंह मामले को मजिस्ट्रेट जांच कराकर सपा द्वारा उसे बचाए जाने का प्रयास नही दिखता, आईएएस दुर्गानागपाल के साथ अखिलेश का रवैया लगता है भूल गया।

<p>Avanindrsingh Aman : यूपी के व्यापमं से भी बड़े घोटाले को नही देख पा रहे संजय शर्मा.. बात लखनऊ के एनजीओ संचालक संजय शर्मा की हो रही है. ये महोदय और उनके कुछ पालतुओं ने अमिताभ-नूतन के मुद्दे को ऐसे उछाला है जैसे व्यापमं के पैसे अमिताभ-नूतन के पास है। एक एनजीओ से ऐसी ही उम्मीद की जा सकती है कि वह सरकार की चमचागिरी ही करेगा तभी उसके घर की दाल रोटी चलेगी। संजय शर्मा को गायत्री प्रजापति के कारनामे, यादव सिंह मामले को मजिस्ट्रेट जांच कराकर सपा द्वारा उसे बचाए जाने का प्रयास नही दिखता, आईएएस दुर्गानागपाल के साथ अखिलेश का रवैया लगता है भूल गया।</p>

Avanindrsingh Aman : यूपी के व्यापमं से भी बड़े घोटाले को नही देख पा रहे संजय शर्मा.. बात लखनऊ के एनजीओ संचालक संजय शर्मा की हो रही है. ये महोदय और उनके कुछ पालतुओं ने अमिताभ-नूतन के मुद्दे को ऐसे उछाला है जैसे व्यापमं के पैसे अमिताभ-नूतन के पास है। एक एनजीओ से ऐसी ही उम्मीद की जा सकती है कि वह सरकार की चमचागिरी ही करेगा तभी उसके घर की दाल रोटी चलेगी। संजय शर्मा को गायत्री प्रजापति के कारनामे, यादव सिंह मामले को मजिस्ट्रेट जांच कराकर सपा द्वारा उसे बचाए जाने का प्रयास नही दिखता, आईएएस दुर्गानागपाल के साथ अखिलेश का रवैया लगता है भूल गया।

पत्रकार को जिंदा जलाए जाने के मुख्यारोपी कैबिनेट मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा भूल गए, थानो में जिंदा जलाए जाने वाली महिला की घटना लगता है संजय भूल गए। सूबे में ध्वस्त हो चुके कानून-व्यवस्था को लगता है संजय भूल गए यदि नही भूले तो सरकार की ख़ामियों को गिनाने की उनकी हिम्मत नही।  राज्य में नौकरियों में नयुक्तियों और भर्तियो में यादवो के कब्जे की यदि स्वतंत्र जांच हो जाए तो यह व्यापमं से बड़ा घोटाला सामने आएगा। संजय शर्मा का केवल अमिताभ और नूतन ठाकुर के खिलाफ ऐसे कारनामे यह सिद्ध करते है कि संजय अपना व्यक्तिगत गुस्सा निकाल रहा है या फिर सपा द्वारा ठाकुर दंपति को परेशान करने के लिए भेजा गया उनका दलाल।

बनारस के युवा पत्रकार अवनींद्र सिंह अमन के फेसबुक वॉल से.

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