नई दिल्ली : केंद्र सरकार की सभी योजनाओं के साथ जल्द ही ‘प्रधानमंत्री’ या राष्ट्रवादी नेताओं के नाम जुड़ सकते हैं और प्रत्येक थिएटर में फिल्मों के प्रदर्शन से पहले नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताने वाले वृत्तचित्रों को अनिवार्य रूप से दिखाया जा सकता है। राज्यों और जिलों में केंद्र सरकार की योजनाओं तथा उपलब्धियों के बारे में बताने के लिए उपाय सुझाने की खातिर गठित मंत्री समूह ने केंद्रीय योजनाओं के साथ ‘प्रधानमंत्री’ तथा अन्य राष्ट्रवादी नेताओं के नाम जोड़ने और सरकार की उपलब्धियों के बारे में फिल्मों के प्रदर्शन से पहले वृत्तचित्र दिखाए जाने सहित विभिन्न सिफारिशें की हैं।
संसदीय मामलों के मंत्री एम. वेंकैया नायडू की अध्यक्षता में संपन्न मंत्री समूह की एक बैठक में वितरित परिपत्र में यह भी सिफारिश की गई है कि अतीत और वर्तमान के बीच अंतर बताती, सरकार की उपलब्ध्यिों के बारे में हास परिहास वाली एनीमेशन क्लिप भी तैयार की जाएं। इन सुझावों को अमल में लाने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को साथ में लेने का सुझाव भी दिया गया है। मंत्री समूह ने हर दो सप्ताह में सरकार की उपलब्ध्यिों को बताने के लिए एक वृत्तचित्र तैयार करने का सुझाव दिया गया है जिसे हर थिएटर में फिल्मों के प्रदर्शन से पहले दिखाना अनिवार्य होगा। इसके लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की मदद लेने की सिफारिश की गई है।
राज्य सरकारों पर लगते केंद्रीय योजनाओं का श्रेय लेने के आरोपों की पृष्ठभूमि में मंत्री समूह ने सिफारिश की है कि केंद्रीय योजनाओं का उद्घाटन केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों की उपस्थिति में किया जाना चाहिए ताकि केंद्र की भूमिका उजागर हो सके। मंत्री समूह ने सांसदों को योजनाओं के कार्यान्वयन की जांच करने का संवैधानिक अधिकार सांसदों को देकर उनके अधिकारों में वृद्धि करने तथा योजना के कार्यान्वयन में कोताही का पता चलने पर जुर्माने की व्यवस्था बनाने की सिफारिश भी की है। अगर इन सिफारिशों को कार्यान्वित किया जाता है तो जिलों में इन योजनाओं की निगरानी समितियों की अगुवाई सांसद करेंगे।
वर्तमान में केंद्र सरकार की योजनाओं की निगरानी समिति की अगुवाई जिला मजिस्ट्रेट या पुलिस अधीक्षक करते हैं। नोट के मुताबिक, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय नियमों में संशोधन कर रहा है ताकि सांसद समिति के प्रमुख बन सकें। मीडिया में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए मंत्री समूह ने सिफारिश की है कि प्रत्येक मंत्री को हर सप्ताह एक विशेष समाचार एजेंसी के अलावा राष्ट्रीय प्रसारकों दूरदर्शन एवं आकाशवाणी पर कम से कम दो साक्षात्कार देना चाहिए।