Abhishek Srivastava : इस देश की सबसे बड़ी अदालत ने अंसल बंधुओं को उनकी उम्र के आधार पर कल एक नायाब ‘उपहार’ दिया है। उसका कहना है कि सुशील अंसल (75) और गोपाल अंसल (67) जेल भेजे जाने के लिहाज से काफी बूढ़े हैं। क्या आप जानते हैं कि भारतीय जेलों के इतिहास में सबसे बूढ़ा कैदी कितने साल का था? 106 साल का! अगर याद हो तो चार साल पहले यह खबर खूब चली थी कि 108 साल के एक हिंदू पुरोहित बृज बिहारी पांडे को गोरखपुर की जेल से दो साल की कैद के बाद रिहा किया गया। उन पर हत्या का आरोप था। अपराध के वक्त उनकी उम्र 84 थी। मुकदमा दो दशक तक चला। गिरफ्तारी 2009 में 106 साल की उम्र में हुई।
नारायण सान्याल तो याद होंगे? वे जेल भेजे गए तो 80 साल के थे। कोबाड़ गांधी पक्का याद होंगे? वे भी साठ पार थे। मशहूर स्वामी असीमानंद का बुढ़ापा जेल में ही कट रहा है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी Prison Statistics India-2012 के मुताबिक 2012 में 50 साल के पार वाले कैदियों की संख्या पूरे देश में 21,770 थी, इस उम्र के विचाराधीन कैदियों की संख्या 30,343 थी जबकि हिरासत में 188 बूढ़े कैदी थे। जज साब, उम्र की दलील कुछ पच नहीं रही। अभी पिछले साल ही तो तिहाड़ में बूढ़े कैदियों के लिए नया वार्ड खोला गया था। उसी में अंसल भाइयों को रखवा देते! सच बताइए, साठ करोड़ का दंड जो आपने लगाया है, वो खत्म कर दी गई जवान जिंदगियों का मुआवजा है या हत्यारों के बुढ़ापे का रेट?
पत्रकार और एक्टिविस्ट अभिषेक श्रीवास्तव के फेसबुक वॉल से.