25 तारीख की सुबह दुनिया क्रिसमस मना रही थी और इसी बीच एक खबर आई कि पोप पर कोई महिला कूद गयी है. मैं इस खबर को प्ले करने की सोच रहा था, अचानक मेरे सहयोगी ने कहा कि जरा इधर आओ, एक दुखद सूचना है… अशोक जी नहीं रहे… खबर सुनते ही मैं अपने आप को नहीं रोक पाया और कहा कि सब बकवास है… वो स्वस्थ हैं और 15 दिनों पहले ही मैं उनसे मिला था…. तब उसने कहा कि खबर सच्ची है और अब वो हमारे बीच नहीं हैं … अचानक हम दोनों ने मिलकर सभी पुराने साथियों को फोन मिलाना शुरू कर दिया… और मैं किसी तरह हैडओवर देकर मेट्रो अस्पताल की ओर निकल पड़ा… जहां जाने के बाद कुछ समय तक खुद को असहाय मान रहा था…
अशोक जी को पिछले 9 साल से जानता था… नौ साल पहले जब ईटीवी गया था… तो वो भी वहां जुड़े थे… चूंकि वो हैदराबाद में पहले से ही थे… इसका हम लोगों को पता चला तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा… वो शहर के बारे में समय-समय पर गाइड करते रहे… मुझे याद है कि गेस्ट हाउस का खाना खाकर जब मैं बोर हो गया था… तो उनसे कहा कि भैया कहीं से रोटी दिलवा दो… और वो अगले दिन मेरे लिए अपने घर से रोटी लेते आए.. उनकी एक अलग पहचान थी… ईटीवी में भी अंदरुनी राजनीति से वो अपने को अलग रखते थे… मैं जब ईटीवी छोड़कर बीसीसी के लिए अफ्रीका जाने लगा तो उन्होंने जाते समय अपनी कलम निकालकर दी… आज भी उनकी कलम मेरे पास है… और अब शायद वो दुनिया में मेरे लिए सबसे ज्यादा अजीज है.
लेखक रवींद्र भारती इंडिया न्यूज में प्रोड्यूसर हैं. उनसे संपर्क 9953014857 पर किया जा सकता है.