समाज-सरोकार इतनी हिंसा यहाँ, गाँधी तुम कहाँ 2 अक्टूबर यानि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की सालगिरह. ये दिन हर साल आता है लेकिन इस बार इसकी अहमियत कुछ ख़ास है. हाल में... Bhadas4Media.comOctober 6, 2011
समाज-सरोकार क्षण में जीवन जीती क्षणभंगुर बनी पीढ़ी यंग, डायनेमिक, एनर्जेटिक और ओपन माइंडेड पीढ़ी का जीने का अंदाज बिल्कुल बदल चुका है। ब्रान्डेड और डिजाइनर कपडे़, तेज रफ्तार बाइक-कार का दीवाना... Bhadas4Media.comJuly 20, 2011
साहित्य जगत मेरी चाहत पत्थरों को पिघलाने की है इस आसमान को मेरे आगोश में सिमटना होगा, क्योंकि मेरी चाहत इक नया आसमान बनाने की है। हटना होगा तूफानों को मेरे रास्ते से... Bhadas4Media.comJune 20, 2011